दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे ने कैश का पहाड़ बना लिया, आखिर क्या चल रहा उनके दिमाग में

दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे ने कैश का पहाड़ बना लिया, आखिर क्या चल रहा उनके दिमाग में

दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे ने कैश का पहाड़ बना लिया, आखिर क्या चल रहा उनके दिमाग में

वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर ने हाल ही में एप्पल इंक और बैंक ऑफ अमेरिका की भी बड़ी हिस्सेदारी बेची है. उन्होंने इसके संकेत कंपनी की एजीएम में ही दे दिए थे.

दुनिया के दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे (Warren Buffett) पिछले कुछ महीनों से लगातार अलग-अलग कंपनियों से अपना निवेश घटाकर कैश इकठ्ठा करते जा रहे हैं. उनकी कंपनी बर्कशायर (Berkshire) के पास इस समय लगभग 276.9 अरब डॉलर कैश इकठ्ठा हो चुका है. हमेशा लोगों को निवेश करने के बाद बचे हुए पैसों से खर्च चलाने की सलाह देने वाले वॉरेन बफे का यह रुख पूरी दुनिया को हैरान करने वाला है. 

 दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे ने कैश का पहाड़ बना लिया, आखिर क्या चल रहा उनके दिमाग में

 दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे ने कैश का पहाड़ बना लिया, आखिर क्या चल रहा उनके दिमाग में

 वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर ने हाल ही में एप्पल इंक और बैंक ऑफ अमेरिका की भी बड़ी हिस्सेदारी बेची है. उन्होंने इसके संकेत कंपनी की एजीएम में ही दे दिए थे.

दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे ने कैश का पहाड़ बना लिया, आखिर क्या चल रहा उनके दिमाग में

वॉरेन बफे

दुनिया के दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे (Warren Buffett) पिछले कुछ महीनों से लगातार अलग-अलग कंपनियों से अपना निवेश घटाकर कैश इकठ्ठा करते जा रहे हैं. उनकी कंपनी बर्कशायर (Berkshire) के पास इस समय लगभग 276.9 अरब डॉलर कैश इकठ्ठा हो चुका है. हमेशा लोगों को निवेश करने के बाद बचे हुए पैसों से खर्च चलाने की सलाह देने वाले वॉरेन बफे का यह रुख पूरी दुनिया को हैरान करने वाला है. 

एप्पल और बैंक ऑफ अमेरिका में हिस्सेदारी घटाई 

वॉरेन बफे की बर्कशायर होल्डिंग्स ने हाल ही में तेजी से एप्पल और बोफा जैसी कंपनियों के शेयर बेचे हैं. पिछली बार यह ट्रेंड साल 2005 में देखा गया था. बर्कशायर ने 3 अगस्त को जानकारी दी थी कि उसने एप्पल इंक (Apple Inc) में अपनी हिस्सेदारी लगभग 50 फीसदी कम कर दी है. साथ ही जुलाई में बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) में भी अपनी हिस्सेदारी लगभग 8.8 फीसदी घटाई है. बर्कशायर की एजीएम मई में हुई थी. इसमें वॉरेन बफे ने इस बारे में संकेत दे दिया था. उन्होंने कहा था कि वह अब और इक्विटी नहीं खरीदना चाहते. उन्होंने कहा था कि जब तक मुझे नहीं लगता कि हम कहीं पैसा लगाकर बहुत ज्यादा कमाने वाले हैं तक तक हम और निवेश नहीं करेंगे.

अमेरिका में मंदी की आशंका को बताया जा रहा जिम्मेदार 

बर्कशायर ने साल 2016 में बताया था कि उनके पास एप्पल के करीब 90 करोड़ शेयर हैं. इन्हें करीब 31 अरब डॉलर में खरीदा गया था. अब उनके पास एप्पल के लगभग 40 करोड़ शेयर ही बचे हैं, जिनकी कीमत लगभग 84 अरब डॉलर आंकी जाती है. पिछले दो साल में ही बर्कशायर ने अपनी कैश होल्डिंग लगभग दोगुनी कर ली है. अमेरिका में मंदी की आशंका और रोजगार के कमजोर आंकड़ों के बीच वॉरेन बफे का यह रुख और ज्यादा परेशान करने वाला है. इसके अलावा कॉरपोरेट टैक्स को भी स्टॉक सेल का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है.

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