सिद्धि के लिए साधना अति आवश्यक होती है : आचार्य रजनीश

सिद्धि के लिए साधना अति आवश्यक होती है : आचार्य रजनीश

लाडवा

सिद्धि के लिए साधना अति आवश्यक होती है : आचार्य रजनीश
छठे दिन की कथा में सुनाया महिषासुर के वध का प्रसंग
लाडवा 15 अप्रैल (नरेश गर्ग):  लाडवा के बाबा बंसी वाला वृद्धाश्रम में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा के छठे दिन कथा में कथा वाचक आचर्य रजनीश ने कथा के दौरान पराम्बा आदिशक्ति जगदम्बा के मातृ चरित्र के रुप पर कथा की। कथा में मुख्यातिथि के रुप में लायंस क्लब प्रधान विशाल गर्ग, मनीष सिंघल, ज्ञानचंद खेडवाल ने आरती की
कथा वाचक आचार्य रजनीश ने कथा में कहा कि भजन का परिणाम भोग नहीं,भगवान हैं। सिद्धि के लिए साधना की अति आवश्यकता पड़ती है। उन्होने बताया कि चित को परिवर्तन के लिए कथा सुननी चाहिए। पराम्बा की विशेष कृपा होने के बाद ही उनके दिव्य तत्व को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि पराम्बा चरित्र श्रवण करने को मिल जाएं तो यह अत्यंत दुर्लभ है। कथा सत्र में आचार्य रजनीश ने महिषासुर वध की कथा भी श्रद्धालुओं को विस्तार से युनाई। उन्होंने आदिशक्ति जगदम्बा के प्राकट्य और देवताओं द्वारा उन्हें शस्त्रों व शक्तियों से सज्जित करके महिषासुर का वध करने की प्रार्थना करने के दिव्य प्रसंग को सुनाया। वहीं कथा में  संस्था के सदस्यों के अलावा राजकुमार चौहान सहारनपुर, संजय शर्मा, राहुल शर्मा, मोहित शर्मा, अतीत गर्ग, अवतार सिंह सेखों सहित बड़ी संख्या में शहर के लोग उपस्थित रहे।
15 लाडवा 7: लाडवा के बाबा बंसी वाला वृद्धाश्रम में कथा के दौरान आचार्य रजनीश मुख्यतिथि को आर्शीवाद देते हुए (डिम्पी)

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