मेयर कुलदीप कुमार द्वारा पेश किया गया बजट कानूनी रूप से सही है : डॉ. अहलूवालिया

मेयर कुलदीप कुमार द्वारा पेश किया गया बजट कानूनी रूप से सही है : डॉ.  अहलूवालिया

चंडीगढ़ 

मेयर कुलदीप कुमार द्वारा पेश किया गया बजट कानूनी रूप से सही है : डॉ.  अहलूवालिया

सरकारी सुविधाओं का खर्च भाजपा के फर्जी मेयर से वसूला जाए

 सुनील कुमार पांडेय 

डॉ. आहलूवालिया ने चंडीगढ़ प्रशासक से अनिल मसीह और भाजपा पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया

चंडीगढ़, 7 मार्च, 2024: कल चंडीगढ़ नगर निगम की जनरल हाउस मीटिंग में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस गठबंधन के पहले मेयर कुलदीप कुमार द्वारा चंडीगढ़ शहर के लिए पेश किया गया 2325.21 करोड़ रुपये का बजट कानूनी रूप से सही है। जिसकी चंडीगढ़ शहर में हर तरफ तारीफ हो रही है। यह बातों का प्रगटावा आज पंजाब जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन एवं आप चंडीगढ़ सह-प्रभारी डा. एसएस आहलूवालिया ने नगर निगम में भाजपा की ओर से की गई झूठी शिकायत पर बोलते हुए किया। उन्होंने कहा कि अब जब भाजपा के पैर चंडीगढ़ से पूरी तरह उखड़ गए हैं तो अब वह झूठी शिकायतें करने पर उतर आई है।

डा. एसएस आहलूवालिया ने आगे कहा कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के लिए मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के दिन भाजपा ने अपने मनोनीत पार्षद और पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के द्वारा मेयर कुलदीप कुमार के 8 वोटों को खारिज कर लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। जो कि पहले रची गई साजिश के तहत भाजपा के लोकसभा सदस्य किरण खेर, भाजपा अध्यक्ष जितिंदर मल्होत्रा, पार्षद कंवरजीत राणा, हरजीत सिंह, पूर्व मेयर अनुप गुप्ता, जसमनप्रीत सिंह, सौरभ जोशी, मनोनीत पार्षद सतिंतर सिद्धू, डाॅ. रमणीक बेदी, अमित जिंदल, डाॅ. नरेश पांचाल और अन्य भाजपा पार्षदों ने अनिल मसीह के द्वारा इसे अंजाम दिया। जिसके संबंध में 20 फरवरी को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस सारे कृत्य को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया और अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया। इसकी शिकायत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से सेक्टर 17 थाना पुलिस और चंडीगढ़ के एसएसपी को दी है। जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश को 17 दिन बीत चुके हैं।

उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को भाजपा ने नगर निगम में अपना फर्जी मेयर बैठाया था, जिसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया। उस नकली मेयर ने चंडीगढ़ के मेयर के आधिकारिक कार्यालय, आधिकारिक वाहन और अन्य आधिकारिक सुविधाओं का आनंद लिया। क्या ये सब कानूनी तौर पर सही है? इसका पूरा खर्च भाजपा के फर्जी मेयर से वसूल कर नगर निगम चंडीगढ़ प्रशासन को जमा कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से चंडीगढ़ के सेक्टर 15 स्थित मेयर हाउस को बीजेपी अपने गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल कर रही थी, उसका सारा किराया और खर्च भी नगर निगम के खाते में जमा कराया जाए।

डा. एसएस आहलूवालिया ने कहा कि 18 जनवरी को मेयर चुनाव के दिन भी बीजेपी ने ड्रामा किया था। आखरी मौके पर दो अधिकारी बीमार कर दिए गए और नगर निगम में मेयर का चुनाव स्थगित कर दिया गया। क्या ये सारा काम कानूनी तौर पर सही था? भाजपा इन सभी कार्यों को वैधानिक मानती है और कल मेयर कुलदीप कुमार द्वारा चंडीगढ़ वासियों के कल्याण के लिए पेश किये गये बजट को भाजपा वैधानिक नहीं मानती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को ऐसी झूठी शिकायतें करना बंद कर देना चाहिए। चंडीगढ़ की जनता बीजेपी से बहुत दुखी है, आगामी लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ की जनता भाजपा को चंडीगढ़ से बाहर कर देगी।

डा. आहलूवालिया ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक बनवारी लाल परोहित से यह भी अनुरोध किया कि वे 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम में लोकतंत्र के हत्यारों के खिलाफ  चंडीगढ़ प्रशासन को सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी करें ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह से लोकतंत्र का मजाक न उड़ा सके।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *