पार्टी को हाशिए पर लाने वाले भाजपाईयों का अपना कोई अस्तित्व नहीं!
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 10 May, 2025 19:44
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पार्टी को हाशिए पर लाने वाले भाजपाईयों का अपना कोई अस्तित्व नहीं!
-आखिर क्यों नहीं महाराणा प्रताप जयंती पर भाजपाईयों के दिल मिले?क्यों श्रद्धांजलि देने के बजाए भाजपाईयों ने मनमुटाव को अधिक महत्व दिया?
-जबकि सच्चाई यह है, कि दोनों रीढ़विहीन हैं, दोनों को भाजपा से ताकत मिलती
-भाजपाईयों से निपटने के लिए दोनों ने दो गुट खड़ा कर दिया, अब इन दोनों को कौन समझाने जाए कि आपको लोगों का अपना कोई अस्तित्व नहीं, जो है, वह भाजपा से
-जो लोग दोनों पक्षों को हवा दे रहे हैं, उनकी भी स्थित जल से निकली मछली के समान हो जाएगी
-मोदी की अगुवाई में भाजपा वैष्विक मोर्चे पर लड़ रही है, और बस्ती के भाजपाई देख लेने, बटवारे और बखरे के मोर्चे पर लड़ रहें
-पर्दे के पीछे के व्यक्ति को मजबूत करने के लिए यह घमासान हो रहा, लेकिन पर्दे के पीछे वाले को भी यह समझना होगा कि उसका अस्त्तिव भाजपा से
-भाजपाई सांप और नेवले का खेल, खेल रहे हैं, ऐसे में भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्त्ता किसी चौराहे पर खड़ा सोचता है, कि मेरा क्या होगा? पार्टी का क्या होगा?
बस्ती। जिले में पार्टी को हाशिए पर लाने वाले भाजपा के नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि इन लोगों का अपना कोई अस्तित्व नहीं हैं, जो भी हैं, वह भाजपा से है। गलतफहमी अपनी दूर करिए और समझने का प्रयास करिए कि आप लोग भाजपा के बगैर रीढ़विहीन है। भाजपा है, तो आप लोग हैं। वरना आप लोगों को कोई पूछेगा ही नहीं। इस लिए पार्टी को बर्बाद करने के बजाए उसे सजाइए और सवांरिए, आपस में लड़ने भिड़ना छोड़िए और पार्टी को पुनः खड़ा करने में योगदान दीजिए। क्यों कि जब पार्टी ही नहीं रहेगी तो आप लोग कहां रहेगें, इस बात का चिंतन अवष्य करिएगा। जिस तरह महाराणा प्रताप जयंती पर भाजपाईयों के दिल नहीं मिले, दुआ सलाम तक नहीं हुआ, श्रद्धांजलि देने के बजाए भाजपाईयों ने मनमुटाव को अधिक महत्व दिया। जबकि सच्चाई यह है, कि दोनों रीढ़विहीन हैं, दोनों को भाजपा से ताकत मिलती। भाजपाईयों से निपटने के लिए दोनों ने दो गुट खड़ा कर दिया, अब इन दोनों को कौन समझाने जाए कि आपको लोगों का अपना कोई अस्तित्व नहीं, जो है, वह भाजपा से हैं, जो लोग दोनों पक्षों को हवा दे रहे हैं, वह भी यह न भूले कि उनकी भी स्थित जल से निकली मछली के समान हो जाएगी। उधर मोदी की अगुवाई में भाजपा वैष्विक मोर्चे पर लड़ रही है, और बस्ती के भाजपाई देख लेने, बटवारे और बखरे के मोर्चे पर लड़ रहें। पर्दे के पीछे के जिस व्यक्ति को मजबूत करने के लिए जो घमासान हो रहा, उन्हें भी यह समझना होगा कि उनका भी अस्त्तिव भाजपा से हैं। भाजपाई सांप और नेवले का खेल, खेल रहे हैं, ऐसे में भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्त्ता किसी चौराहे पर खड़ा होकर यह सोचता है, कि मेरा क्या होगा? पार्टी का क्या होगा?
जिस महाराणा प्रताप को भारत में वीरता का शिखर पुरुष माना जाता है, उसी राणा प्रताप को भाजपाईयों ने श्रद्धांजलि देने के बजाए अपने मनमुटाव को महत्व दिया। जबकि सच यह है, कि दोनों में से किसी के पास रीढ़ नहीं है। दोनों को भाजपा से शक्ति मिलती। निपटाने और निपटने में पार्टी में दो गुट खड़ा कर दिया। बात घूम फिर कर वहीं आती है। सांप और नेवले की लड़ाई में सांप के जहर से परेशान होकर नेवला बार-बार कहीं भाग जाता है, फिर थोड़ी देर बाद शाक्ति बटोरकर एक दूसरे को देखने लगते है। नेवला जो अदृष्य स्थान पर जाता है, वह नेवले का शक्ति केंद्र है, और जब शक्ति केंद्र समाप्त हो जाता है, तो अंत में वह पराजित हो जाता है। भाजपाई यही सांप और नेवले का खेल, खेल रहे है। आम लोगों का कहना है, कि क्या प्रदेश और देश का नेतृत्व में बस्ती भाजपा के सिर फुटव्वल को महत्वहीन समझ रहे है। इस लड़ाई का फायदा प्रषासन के सभी अधिकारी भरपूर उठा रहे है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है, कि भाजपा का निष्ठावान कार्यकर्त्ता क्या करें?
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