नारायण सेवा संस्थान द्वारा फिजियोथैरेपी सेंटर में मरीजों को लाने ले जाने के लिए शुरू की गई नि:शुल्क ई-रिक्शा
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 15 April, 2024 21:55
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नारायण सेवा संस्थान द्वारा फिजियोथैरेपी सेंटर में मरीजों को लाने ले जाने के लिए शुरू की गई नि:शुल्क ई-रिक्शा
डॉ. पवन सिंघानिया ने रिबन काटकर की शुरुआत
कैथल (कृष्ण प्रजापति): दिव्यांग बंधुओं और जरूरतमंद लोगों की सेवा में समर्पित नारायण सेवा संस्थान द्वारा पिछले 8 वर्षों से कैथल शहर के गर्ग मनोरोग अस्पताल में एक नि:शुल्क फिजियोथैरेपी सेंटर चलाया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन 70 से 80 जरूरतमंद लोग आकर फिजियोथैरेपी की सेवाओं से नि:शुल्क उपचार करवा रहे हैं, इन्हीं सेवाओ को और आगे बढ़ाते हुए शाखा कैथल के संयोजक डॉ. विवेक गर्ग ने बताया कि कुछ ऐसे जरूरतमंद बुजुर्ग और दिव्यांग जो अपने घरों से स्वयं फिजियोथैरेपी सेंटर में उपचार हेतु आने में असमर्थ हैं, उनको उपचार हेतु फिजियोथैरेपी सेंटर में लाने और ले जाने के लिए आज नि:शुल्क ई-रिक्शा की शुरुआत की गई है। इस आयोजन की शुभ शुरुआत के लिए सबसे पहले शाखा संरक्षक सतपाल मंगला ने शहर के प्रमुख सर्जन डॉ. पवन सिंघानिया का पटका पहनाकर स्वागत किया। डॉ. पवन सिंघानिया ने सबसे पहले नारायण सेवा संस्थान द्वारा संचालित फिजियोथैरेपी सेंटर की विजिट की और वहां नि:शुल्क उपचार लेते हुए लोगों से बातचीत की। तत्पश्चात उन्होंने रिबन काटकर नि:शुल्क ई रिक्शा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि नारायण सेवा संस्थान द्वारा किया जा रहा है यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है, इससे अनेकों जरूरतमंद और बुजुर्ग लोग जो उपचार के लिए आने में असमर्थ थे, उनका इस केंद्र में फ्री उपचार हो पाएगा। उन्होंने शहर वासियों से नारायण सेवा संस्थान के सेवा प्रकल्पों के लिए बढ़-चढ़कर योगदान देने की भी अपील की। डॉ. विवेक गर्ग ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया कि इस ई-रिक्शा का चालक भी नारायण सेवा संस्थान से ही अपना उपचार करवा चुका है। आज इस दिव्यांग भाई को नारायण सेवा संस्थान ने रोजगार का अवसर भी दिया है। इस प्रकार नारायण सेवा संस्थान दिव्यांग बंधुओं के लिए न सिर्फ ईलाज करवाने का कार्य करती है अपितु उन्हें रोजगार देकर सक्षम बनाने का भी कार्य करती है। इस आयोजन में शाखा कैथल के सह संयोजक दुर्गा प्रसाद, सेवा प्रचारक राजेश गुप्ता, ईश्वर गोयल, बृजमोहन गुप्ता, सोनू बंसल, शेर सिंह, सोमनाथ आदि सभी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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