क्या एसडीएम साहब छेनी हथौड़ी चोर भी हो सकतें?
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 18 January, 2025 16:26
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क्या एसडीएम साहब छेनी हथौड़ी चोर भी हो सकतें?
-एसडीएम सदर टीम के साथ बहादुरपुर के पोखरनी गांव सड़क की जांच करने गए थे, सड़क खोदने के लिए इन्होंने गांव के गरीब सुरेश कुमार श्रीवास्तव से छेनी हथौड़ी मांगा, उसने दूसरे से मांग दिया भी, लेकिन वह साथ में छेनी हथौड़ी भी लेते गए, मांगने पर कहा कि और सड़ की जांच करनी
-जब कई दिन हुआ एसडीएम ने नहीं दिया तो वह लेने के लिए तहसील चला गया, साहब ने जिस जेई के पास सामान था, उसका नंबर देते हुए कहा कि इससे जाकर ले लो, जब उसे फोन किया तो उसने कहा कि वह गया ही नहीं था
-तब वह गरीब डीएम के पास पहुंचा और कहा कि हूजूर एसडीएम साहब छेनी हथौड़ी लेकर आए, दिलवा दीजिए नहीं दे रहें
-शिकायतकर्त्ता का कहना है, कि एसडीएम साहब खराब सड़क को नहीं देखा, और जो अच्छी सड़क थी, उसे खोदवाया, फोटो खिचवाया और चलते बने
बस्ती। अधिकारी भ्रष्टाचारी तो हो सकते हैं, और यह जनता मानती भी हैं, लेकिन अगर एसडीएम रैंक के अधिकारी पर छेनी हथौड़ी की चोरी/ले जाने का आरोप लगाते हुए कोई डीएम से यह कहता है, कि हूजूर एसडीएम सदर से मेरा छेनी हथौड़ी दिलवा दीजिए वह नहीं दे रहें है, उस व्यक्ति ने डीएम से यह भी कहा कि जिससे छेनी हथौड़ी मांगकर एसडीएम साहब को दिया था, वह रोज हमसे छेनी हथौड़ी मांगता हैं, और कहता है, कि हमको यह नहीं मालूम कि एसडीएम ले गए, हम्हें तो मेरा सामान चाहिए ही चाहिए। कहा कि हूजूर जब एसडीएम साहब ने सामान वापस नहीं किया तो उनसे मांगने गया, तब उन्होंने मंडी समिति के किसी जेई का नंबर दिया, और कहा कि उनसे जाकर सामान ले लो, कहा कि जब हमने फोन किया तो जेई कहने लगे कि मैं तो जांच में पोखरनी गया ही नहीं, तो छेनी हथौड़ी कहां से मेरे पास आ जाएगी। सुरेश कुमार श्रीवास्तव नामक शिकायतकर्त्ता ने कहा कि भले ही एसडीएम साहब की मंषा छेनी हथौड़ी की चोरी करने/ले जाने की नहीं रही होगी, लेकिन अगर गांव का कोई गरीब उनके कहने पर छेनी हथौड़ी लाकर दे देता हैं, और वह भी दूसरेे से मांगकर, तो एसडीएम साहब का दायित्व बनता हैं, कि काम समाप्त होने के बाद छेनी हथौड़ी वापस कर देते। यह रोचक मामला कभी भी सामने नहीं आता अगर विकास खंड बहादुरपुर के ग्राम पोखरनी निवासी सुरेष कुमार श्रीवास्तव, डीएम के पास एसडीएम से अपनी छेनी हथौड़ी वापस कराने की अपील करने ना पहुंचते। इन्होंने डीएम से कहा कि हूजूर आधा दर्जन गाड़ी मंडी समिति के सड़क की जांच करने को गई थी, मगर एसडीएम साहब ने उस बदहाल सड़क को नहीं देखा जो गांव वाले दिखाना चाहते थे, उस सड़क को देखा जो अच्छी थी, एई, जेई और ठेकेदार के साथ में अच्छी सड़क को खोदते हुए फोटो खिचवाया और चलते बने। जब कि खुद एसडीएम कह रहे थे, मंडी समिति वालों ने 600 मी. की सड़क को 500 मी. में ही समेट दिया, और भुगतान पूरा कर दिया। कहा कि हूजूर एसडीएम साहब फीता लेकर अवष्य आए थे, लेकिन सड़क को नापा ही नहीं। सड़क पर कोई बोर्ड भी नहीं लगा, जिसे पता चल सके कि सड़क की लागत कितनी है, और कौन विभाग इसे बना रहा है। गांव वाले बड़े-बड़े गडढ़े दिखाते रह गए, लेकिन एसडीएम और उनकी टीम ने बदहाल सड़कों को मुड़कर भी नहीं देखा, पूरी तरह भ्रष्टाचारियों के सामने अनसुना कर दिया।
डीएम को सुरेष कुमार श्रीवास्तव ने लिखित में देते हुए, कहा कि आठ जनवरी 25 को लगभग तीन बजे एसडीएम सदर लगभग आधा दर्जन वाहनों को लेकर पहुंचे, गांव वालों को ऐसा लगा कि मानों प्रषासन कोई बड़ी कार्रवाई करना चाहता, चूंकि गांव वालों ने पहली बार अधिकारियों का काफिला देखा, इस लिए उनकी उत्सुकता और बढ़ गई। एसडीएम के साथ पीडब्लूडी के जेई और मंडी समिति के एई मौजूद रहे। जब इन लोगों ने आने का मकसद पूछा तो कहने लगे कि वह लोग सड़क की गुणवत्ता और लंबाई चौड़ाई देखने आएं है। कहा कि एसडीएम साहब ने उनसे छेनी हथौड़ी मांगा। ताकि सड़क की खुदाई करके जांच की जा सके। कहा कि गांव वालों ने एसडीएम को बड़े-बड़े गडढ़े भी दिखाए, लेकिन नहीं देखा और सभी अधिकारी एक जगह खड़ा होकर फोटो खिचवाया और एसडीएम साहब यह कहते हुए उनकी छेनी हथौड़ी लेकर चले गए कि अभी और सड़क की जांच करनी है, अभी वापसी में दे दूंगा। कहा कि आज तक उनकी छेनी हथौड़ी वापस नहीं की गई, और ना ही सड़क को ही ठीक कराया गया। कहा कि हूजूर जिससे छेनी हथौड़ी मांगा था, वह रोज इसके लिए झगड़ा कर रहा है। कहा कि हूजूर मजबूर होकर आपके पास छेनी हथौड़ी को वापस दिलाने की मांग करने आना पड़ा।
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