करोड़पति हेडमास्टर की प्रधान माताजी कर रही दारु के ठेके का संचालन!

करोड़पति हेडमास्टर की प्रधान माताजी कर रही दारु के ठेके का संचालन!

करोड़पति हेडमास्टर की प्रधान माताजी कर रही दारु के ठेके का संचालन!

-मीरा देवी पत्नी मोतीलाल षर्मा बनकटी ब्लॉक के सूरापार की प्रधानी भी कर रही है, और मुंडेरवा के कुरियार ठेके पर बैठकर बंटी-बबली भी बेच/बेचवा रही

-प्रधान के होनहार पुत्र सरद कुमार शर्मा कुदरहा ब्लॉक के प्राथमिक विधालय बेलवाड़ाड में प्रधानाध्यापक हैं, और दूसरे होनहार पुत्र रजनीश कुमार शर्मा लखनउ में अच्छी नौकरी कर रहे, दोनों पुत्र करोड़ों की कंपनी आन्वी कांस्टक्षन एंड सप्लायर्स के मालिक भी

-मीरा देवी देश की पहली ऐसी प्रधान होंगी जो प्रधानी भी करती और दारु के ठेके का संचालन भी करती

-दारु का ठेका लेने के बाद अगला प्रधानी का चुनाव इनके लिए जीतना आसान हो जाएगा

बस्ती। अगर कोई महिला प्रधान दारु का ठेका लेती है, और उसका संचालन करती है, तो सवाल उठेगा ही। इस बात की बहस तो हो सकती है, कि क्या एक प्रधान दारु का ठेका ले सकता है, या नहीं? लेकिन सामाजिक रुप से महिलाओं का खासतौर से महिला प्रधानों का दारु का ठेका लेना और बेचना/बेचवाना सही नहीं माना जाता है। अगर कोई सामान्य महिला ठेका लेती तो समाज उस पर अगुंली नहीं उठाता, लेकिन अगर कोई संभ्रात परिवार की महिला वह भी दो बार की प्रधान हो, तो उस पर समाज तो सवाल उठाएगा ही और प्रधान के परिवार पर भी सवाल उठेगा। बनकटी ब्लॉक के सूरापार ग्राम पंचायत की महिला प्रधान मीरा देवी पत्नी मोतीलाल शर्मा शायद पहली ऐसी महिला प्रधान होंगी, जो प्रधानी भी कर रही है, और दारु के ठेका संचालन भी कर रही। 25-26 के लिए जो दारु के ठेके की लाटरी सिस्टम से इन्हें ठेके का लाइसेंस मिला उनमें सूरापार की प्रधान मीरादेवी का नाम क्रम संख्या 580 पर है। इनका पता ग्राम छतौरा पोस्ट नेवारी और पति का नाम मोतीलाल शर्मा बताया गया। प्रधान के होनहार पुत्र सरद कुमार शर्मा कुदरहा ब्लॉक के प्राथमिक विधालय बेलवाड़ाड में प्रधानाध्यापक हैं, और दूसरे होनहार पुत्र रजनीश कुमार शर्मा लखनउ में अच्छी नौकरी कर रहे, दोनों पुत्र करोड़ों की कंपनी आन्वी कांस्टक्षन एंड सप्लायर्स के मालिक भी है। यह अलग बात हैं, कि यह फर्म अस्तित्व में ही नहीं है। फिर भी बनकटी के बीडीओ साहबान इस फर्म को मनरेगा में अब तक करोड़ों रुपये का भुगतान कर चुके। इस फर्म का जाल नगरपालिका तक फैला हुआ। यह फर्म इस लिए लोगों की चहेती बनी हुई हैं, क्यों कि अधिकांश फर्जी भुगतान इसी फर्म के जरिए लोग कराना चाहते है। ताकि अधिक से अधिेक से बखरा मिल सके। अब जरा अंदाजा लगाइए कि जिस तत्कालीन बनकटी के बीडीओ धनेश यादव ने अपनी चार जुलाई 22 की जांच रिपोर्ट में इस फर्म को अस्तित्वहीन बताया, उसी फर्म को उसी बीडीओ ने जिसने अस्तित्वहीन बताया था, ने पांच सितंबर 22 को खोरिया में लाखों रुपये का फर्जी भुगतान किया। यह वही बीडीओ साहब हैं, जिन्होंने बनकटी ब्लॉक को बर्बाद कर दिया, एक तरह से पूरे ब्लॉक को भ्रष्ट असली/नकली प्रधानों के हवाले कर दिया था। इन्हीं की ही देन है, कि कड़सरी, सूसापार और खोरिया के असली/नकली प्रधानों ने एक गैंग बना लिया। बताते हैं, कि एक तरह से यही गैंग पूरे ब्लॉक का संचालन कर रही है। किसे कच्चे-पक्के काम देना है, किसे कितना भुगतान करना हैं, और किसे फर्जी भुगतान करना हैं, बिना इस गैंग की सहमति के बीडीओ साहब कुछ नहीं करते है। जाहिर सी बात हैं, इस गैंग का समर्थन असली/नकली प्रमुख का पूरा होगा। तत्कालीन बीडीओ साहब ने आन्वी फर्म का संचालन रजनीश कुमार शर्मा को तो बता दिया, लेकिन भारी रकम लेकर हेडमास्टर सरद कुमार शर्मा का नाम इस लिए निकाल दिया, ताकि नौकरी पर आंच न आए। बताया जाता है, कि खोरिया में इसी फर्जी फर्म को 30 फर्जी बिल और बाउचर के सहारे पता नहीं कितने लाख या फिर करोड़ों का भुगतान हुआ। अगर सूरापार में बिना बंधा और बिना नाला के 65 लाख का भुगतान फर्जी तरीके से फर्जी फर्म को किया गया तो सवाल तो ब्लॉक के जिम्मेदारों पर उठेगा ही। अगर खोरिया में वहां की प्रधान साधना उपाध्याय अपने खाते में तीन परियोजनाओं का पैसा लेती और एक परियोजना पर दो बार भुगतान होता है, तो सवाल तो उठेगा ही। खोरिया के सचिव से जब पूछा गया तो कहा कि गलती हो गई। मीडिया ने कहा भी क्यों ऐसे प्रधानों के लिए अपनी नौकरी को दांव पर लगा रहे हैं, जो आज है, और कल नहीं रहेगें और जिनका काम ही सरकारी धन को लूटना रहता। कहा जा रहा है, दारु का ठेका इस लिए प्रधान और उनके परिवार ने लिया ताकि अगला चुनाव आसानी से जीत जा सके। अगर सूरापार की महिला प्रधान मीरा देवी दारु का ठेका पाने के लिए लगभग 28 लाख खर्च कर सकती है, जिसमें 16 लाख से अधिक लाइसेंस फीस और 13 लाख प्रतिभूर्ति का शामिल है। जाहिर सी बात हैं, कि इनकी गिनती गरीब प्रधानों में तो होगी नहीं। इसी लिए इस परिवार की गिनती करोड़पतियों में होती है।

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