किन्नर समाज यजमानों को अपना अन्नदाता मानता
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 28 May, 2025 21:38
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किन्नर समाज यजमानों को अपना अन्नदाता मानता
-सभी किन्नरें एक जैसी नहीं होती, जो कम उम्र की किन्नर हैं, वही उत्पाद मचाती और किन्नर समाज को बदनाम करती
-कोई भी किन्नर अगर किसी यजमान के साथ नेग को लेकर जबरदस्ती करने का मामला सामने आता, तो क्षेत्र के किन्नर गुरु कार्रवाई करते
-जिले में किन्नरों का क्षेत्र बंटा हुआ, कोई किन्नर एक दूसरे के क्षेत्र में बारात नहीं उठा सकता, यानि नेग नहीं मांग सकता
-किन्नरों का बीस ढेरा हैं, और हर ढेरे का एक गुरु होता हैं, और हर ढेरे में कम से कम दस किन्नर एक साथ रहते
-गुरु मुमताज, सानिया, मंजू और काजल जैसे कई गुरुओं ने जारी किया अपना मोबाइल नंबर, कहा अगर को किन्नर नेग को लेकर उत्पाद मचाती हैं, तो उक्त नंबरों पर काल करें
-जो किन्नर समाज के परम्परानुसार जो किन्नर नहीं चलता तो उसका हुक्कापानी बंद कर दिया जाता जैसा कि किन्नर सुमन का बायकाट किया गया
-सिर्फ किन्नर ही गलत/खराब नहीं होते बल्कि यजमान भी गलत/खराब होते
-गुरुओं का कहना और मानना हैं, कि रोज कमाने खाने वालें यजमान अगर दो-चार हजार भी दे दें तो ले लेना चाहिए, लेकिन जो देने में सक्षम होते हैं, उन्हें दिल खोलकर नेग देना चाहिए
बस्ती। किन्नरों के आंतक को लेकर मीडिया में आई खबरों को लेकर पहली बार किन्नर समाज के गुरुओं ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नये उम्र की कुछ किन्नरें उत्पाद मचा रही है। कुछ किन्नरों की वजह से पूरे किन्नर समाज को गलत कहना उचित नहीं है। कहती है, कि सभी किन्नरे एक जैसी नहीं होती है। जिस तरह यजमान एक जैसे नहीं होते, ठीक उसी तरह किन्नर भी एक जैसी नहीं होती। कहती कि जहां कहीं से भी नेग को लेकर किन्नरों के उत्पात मचाने की जानकारी मिलती है, उसकी छानबीन की जाती है। कहती है, कि यजमान और किन्नरों का रिष्ता प्यार मोहब्बत का होना चाहिए, क्यों कि यजमान के कारण ही हम लोगों का भरण-पोषण होता है। एक तरह से हमारा किन्नर समाज यजमानों को अन्नदाता मानता है। भला कोई किन्नर अपने अन्नदाताओं को कैसे नाराज और दुखी कर सकता है। खुले मन से स्वीकारती है, कि कुछ किन्नरों की वजह से किन्नर समाज को बदनामी का सामना करना पड़ रहा है, और जिसके चलते किन्नर समाज की छवि यजमानों के बीच धूमिल हो रही है। खराब हो रही छवि को सुधारने के बारे में जब पूछा गया तो कहा कि हम गुरु लोग अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर रहे हैं, अगर कोई किन्नर मनमानी करती है, या फिर इच्छित नेग न मिलने के कारण कपड़ा फाड़ने लगती है, या फिर उत्पात मचाने लगती है, तो यजमान को त्वरित क्षेत्र के गुरु को फोन करके जानकारी देनी चाहिए। ताकि समस्या का हल निकाला जा सके। किन्नर के गुरुओं का कहना है, कि हम लोगों की मंशा किसी भी यजमान से नेग के लिए जबरदस्ती करने की नहीं रहती हैं। हम लोगों ने तय कर रखा है, कि जो यजमान रोज कमाते और खाते हैं, अगर वह खुशी-खुशी दो-चार हजार भी दें तो हम लोग रख लेगें, लेकिन वहीं पर अगर कोई नौकरी और बिजनेसमैन है, तो उस यजमान से यह अपेक्षा अवष्य किन्नर करती है, कि वह दिल खोलकर नेग देंगें। जोर देकर कहती है, कि सिर्फ किन्नर ही गलत/खराब नहीं होते बल्कि यजमान भी गलत/खराब होते है। कभी-कभी तो लाडी डंडा निकाल लेते है। जो यजमान नेग देना भी चाहतें हैं, उसे भी नहीं देने देते। बहुत कम लोगों को मालूम होगा, कि जो किन्नर समाज की परम्परानुसार नहीं चलता उसका हुक्कापानी बंद कर दिया जाता, उसका बायकाट कर दिया जाता है, जैसा कि टिनिच क्षेत्र के किन्नर सुमन का किया गया। हुक्कापानी बंद करने का निर्णय गुरुओं की बैठक में लिया जाता है। एक गुरु के लगभग आठ से दस किन्नर चेलिन होती है। हर गुरु का इलाका बंटा हुआ है। अक्सर देखने में आता है, कि चेनिल ने उस गुरु के इलाके के बारात को उठा लिया, यानि नेग ले लिया जो उसके गुरु का क्षेत्र नहीं रहता। इस बात पर बड़े लेबिल पर मंथन हो रहा है, कि किसी दूसरे गुरु के क्षेत्र के बारात को कोई दूसरे गुरु के लोग न उठाए। क्यों कि इससे यजमान पर दोहरा बोझ पड़ता है। सभी किन्नर के पास क्षेत्रवार आईकार्ड है। विजिटिगं कार्ड पर क्षेत्र के गुरु का नाम और मोबाइल नंबर लिखा रहता है, अगर किसी यजमान को गुरु से शिकायत करनी हो तो उन्हें किन्नर से आईकार्ड/विजिटिगं कार्ड मांगना चाहिए।
जिले को कुल 20 क्षेत्र में बांटा गया है। इनमें छावनी, विक्रमजोत, हर्रैया, कप्तानगंज, परसरामपुर, टिनिच एवं बभनान क्षेत्र की गुरु सानिया हैं, इनका मोबाइल नंबर 8356870430 है। मुमताज का बस्ती रौता, भानपुर, डुमरियागंज एवं रुधौली का कुछ हिस्सा हैं, इनका मोबाइल नंबर 9369604106 है। मंजू गुरु का क्षेत्र कुदरहा, लालगंज, कलवारी, चिलमा बाजार एवं पूरा कुदरहा ब्लाक का इलका हैं, इनका मोबाइल नंबर 9899269653/8076875095 है। काजल गुरु का मोबाइल नंबर 9838539127 है, और यह मुंडेरवा, देईसाड़, बनकटी, महादेवा, महसों, नगर, कुसौरा और बस्ती है। किन्नर समाज के लोग अन्य समाज सेवी से अधिक समाज सेवा करती है। इन लोगों ने न जाने कितने गरीब परिवार की बेटियों का विवाह करवाया, दहेज तक का सामान उपलब्ध कराया, मंदिर निर्माण में भी यह लोग दिल खोलकर दान करती है, इतना दान करती है, कि कोई सोच भी नहीं सकता। चूंकि यह समाज नेताओं जैसा नहीं हैं, और न यह समाज मीडिया के करीब हैं, इस लिए इनकी अच्छाईयां समाज के सामने नहीं आ पाती, केवल बुराईयां/कमियां ही सामने आ पाती है। कहती हैं, कि हम अपने यजमान और सरकार के साथ हैं। किन्नर समाज इस बात का पूरा ध्यान रखेगा कि उनके चलते किसी यजमान को परेशानी न उठानी पड़े। जिस दिन किन्नर समाज के लोग नेग को अधिकार मानना बंद करेगंी उस दिन से यजमान और किन्नर समाज का रिष्ता वाकई प्रेम और मोहब्बत वाला होगा। इस पर किन्नर समाज को गंभीरता से विचार करना होगा।
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