डीएम को आने लगा गुस्सा, घटिया निर्माण पर विफरे, लगाई फटकार

डीएम को आने लगा गुस्सा, घटिया निर्माण पर विफरे, लगाई फटकार

डीएम को आने लगा गुस्सा, घटिया निर्माण पर विफरे, लगाई फटकार

बस्ती। उन अधिकारियों को डीएम के बारे में अपनी उस धारणा को बदलनी होगी, जो यह समझते रहें कि डीएम साहब को गुस्सा नहीं आता, और जब तक गुस्सा नहीं आएगा, वह बचते रहेगें। गलत कार्यो पर डीएम का गुस्सा होना लाजिमी माना जाता है। डर से ही कमियां दूर होती है, डर से गुणवत्तापरक काम होता हैं, और डर से ही अधिकारी नियमित होते है। बहरहाल, डीएम साहब का गुस्सा एक बार फिर उस समय देखने को मिला जब वह औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, बस्ती परिसर में निर्माणाधीन टिश्यूकल्चर लैब का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होने पाया कि पिलिन्थ, भूतल के कालम, ब्रिक वर्क का निर्माण कार्य पूर्ण है तथा स्लैब का 40 प्रतिशत कार्य पूर्ण है एवं सटरिंग, सरिया का कार्य प्रगति पर है। लेकिन जैसे ही उन्होंने ईंट हाथ में लेकर देखा और गिराकर चेक किया तो ईंट टूट गया। कहने का मतलब निर्माण में प्रयोग हो रही ईंटों का जब साउण्ड टेस्ट एवं ड्राप टेस्ट किया गया, तो गुणवत्ताहीन मिला। तत्काल उन्होंने कार्यदायी संस्था उ०प्र० राजकीय निर्माण निगम को तत्काल ईंट बदलवाने एवं जून, 2025 तक निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने को कहा, और यह भी कहा कि अगर गुणवत्ता की अनदेखी फिर की गई तो कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। डीएम रवीश गुप्त के इस तेवर को देख सभी दंग रह गए। बहरहाल, जिले की जनता इसी तरह का तेवर डीएम में देखना चाहती है। क्यों कि इनकी सरलता और सहजता के कारण कई अधिकारी नाजायज फायदा उठा चुके है।


 

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