बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार ने पाठ्य पुस्तकों में बड़े बदलाव का फैसला किया है,
- Posted By: Tejyug News LIVE
- ताज़ा खबर
- Updated: 4 January, 2025 12:44
- 106

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार ने पाठ्य पुस्तकों में बड़े बदलाव का फैसला किया है, जिसके चलते शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत पर सवाल उठ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, नई पाठ्य पुस्तकों में शेख मुजीबुर्रहमान को "राष्ट्रपिता" के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी।
इसके बजाय, यह बताया जाएगा कि 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने का श्रेय शेख मुजीबुर्रहमान को नहीं, बल्कि जियाउर रहमान को जाता है। जियाउर रहमान, जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पति थे, बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद को-आर्मी चीफ बने और बाद में देश के राष्ट्रपति बने। 1981 में सेना से जुड़े कुछ लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी।
इस कदम ने बांग्लादेश में राजनीतिक और ऐतिहासिक बहस को जन्म दे दिया है। शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश की आजादी का प्रतीक माना जाता है, और उनकी विरासत से छेड़छाड़ के आरोपों ने सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच तनाव बढ़ा दिया है।
Comments