अब बीडीए के लोगों का जेब नहीं, सरकारी खजाना भरेगा!

अब बीडीए के लोगों का जेब नहीं, सरकारी खजाना भरेगा!

अब बीडीए के लोगों का जेब नहीं, सरकारी खजाना भरेगा!

-बीडीए सहित सभी विकास प्राधिकरणों के निर्माण उधोग को मिली संजीवनी, होगा विकास

-बीडीए सहित सभी विकास प्राधिकरणों के भ्रष्टाचार से आजिज आकर जनता की डिमांड को पूरा किया

-योगी का निर्णय इस बात का प्रमाण है, कि विकास प्राधिकरणों की विष्वनीयता मुख्यमंत्री की नजर में घटी, हर तरफ योगी का हो रहा जयजयकार

-निर्माण करने वाले भवन स्वामियों ने सरकार के निर्णय की सराहना और कहा कि अब उन्हें बीडीए के भ्रष्टाचार का सामना नहीं करना पड़ेगा

-अब ईंट, सीमेंट, सरिया असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मजदूरी और रोजी रोटी पाने की संभावना बढ़ गई

बस्ती। योगीजी ने जिस तरह प्रदेष के सभी विकास प्राधिकरणों की मनमानी और दमनकारी नीति को समाप्त करने के लिए जनता की डिमांड को पूरा किया, उससे बस्ती सहित पूरे प्रदेष में योगी सरकार की जयजयकार हो रही है। इससे बीडीए सहित सभी विकास प्राधिकरणों के निर्माण उधोग को संजीवनी मिली है, योगीजी ने एक तरह से पूरे प्रदेष के विकास के बंद पड़े दरवाजे को खोल दिया। विकास प्राधिकरणों के भ्रष्टाचार से आजिज आकर योगीजी ने यह निर्णय लिया। योगी का निर्णय इस बात का प्रमाण है, कि विकास प्राधिकरणों की विष्वनीयता मुख्यमंत्री की नजर में घटी है। निर्माण करने वाले भवन स्वामियों ने सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि अब उन्हें बीडीए के भ्रष्टाचार का सामना नहीं करना पड़ेगा, अब ईंट, सीमेंट, सरिया असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मजदूरी और रोजी रोटी पाने की संभावना बढ़ गई। अब ना जाने कितने उन भवन स्वामियों का भवन बनाने का सपना पूरा होगा, जो बीडीए के नियम कानून के चलते नहीं बन पा रहे थे। एक तरह से लोगों को बीडीए के आंतक से योगीजी ने छुटकारा दिलाने का काम किया। कहा जा रहा है, कि अगर यह निर्णय पहले ले लिया गया होता तो आज बीडीए भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ता। सबसे अधिक खुषी का इजहार बिल्डिगं मैटेरिएल और मजदूरों ने किया। इस निर्णय के बाद से चारों ओर नवनिर्माण ही दिखाई देगा। अब कोई मेट धन उगाही करने नहीं जाएगा, अगर भूल से चला गया तो वह अवष्य मार खाएगा।  

योगीजी के फरमान के बाद अब मानचित्र स्वीकिृत का झंझट खत्म हो जाएगा, घर का नक्शा पास करने में जो शोषण होता है और उसके बाद में जिस तरह धन उगाही होती है, उसको रोकने के लिए यह निर्णय कारगर साबित होगा। उत्तर प्रदेश के नए बिल्डिंग बायलॉज में इन सारी परेशानियों को समाप्त कर दिया गया है. आवास विभाग के प्रमुख सचिव पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि नक्शा पास कराने के नियमों में बदलाव किया गया है। एक हजार वर्गफीट तक के प्लाट पर घर बनाने वालों को नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं है। पांच हजार वर्गफीट तक आर्किटेक्ट का सर्टीफिकेट ही काफी होगा। उत्तर प्रदेश आवास भवन निर्माण एवं विकास उपविधि (बायलॉज) 2008 में बदलाव को मंजूरी दी गई है। इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिल जाएगी. उत्तर प्रदेश आवास विभाग की वेबसाइट पर लगभग ढाई सौ पन्ने की भवन उपविधि अपलोड की गई है. इस नई व्यवस्था से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत टाउनशिप में अब लोगों को मेंटेनेंस चार्ज के साथ देना होगा ज्यादा संपत्ति कर। यूपी में नई नीति लागू बिल्डिंग बायलॉज के तहत अब मकान में 25 फीसद हिस्से में नर्सरी, क्रैंच या होम स्टे चलाना चाहते हैं या आर्किटेक्ट, चार्टड अकाउंटेंट, डॉक्टर और वकील समेत प्रोफेशनल्स अपना काम करना चाहते हैं, तो इसके लिए मानचित्र में अलग से जिक्र करने की जरूरत नहीं है। इसे मान्य कर दिया गया है। इसके अलावा मानचित्र पास करने के लिए हर विभाग को एनओसी देने की समय सीमा तय कर दी गई. अलग-अलग विभागों के लिए सात से 15 दिन की समय सीमा तय कर दी है. इसके बाद संबंधित विभाग का स्वतः एनओसी मान लिया जाएगा। अब छोटे प्लॉट पर भी बन सकेंगे अपार्टमेंट अब तक अपार्टमेंट बनाने के लिए दो हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल के प्लॉट की जरूरत होती थी, लेकिन अब महज 1000 वर्गमीटर के प्लॉट पर भी इसकी मंजूरी मिल जाएगी. इसके साथ ही हॉस्पिटल और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए 3000 वर्गमीटर का प्लॉट पर्याप्त होगा. यूपी में भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को मंजूरी दी गई. जितनी ऊंची चाहें उतनी ऊंची इमारत बना सकेंगे। अब 24 मीटर चौड़ी सड़क पर आवास में खुल सकेंगी। दुकान और दफ्तर. वहीं फ्लोर एरिया रेशियो तीन गुना तक बढ़ाया गया है। अब 45 मीटर चौड़ी सड़क पर जितनी ऊंची चाहें उतनी ऊंची इमारत बना सकेंगे। पहले प्राधिकरण और आवास विकास क्षेत्र में प्रत्येक भूखंड पर भवन बनाने के लिए नक्शा पास करना जरूरी होता था. अब सौ स्क्वायर मीटर तक नक्शा पास नहीं कराना होगा, जबकि 500 स्क्वायर मीटर में अब नक्शा पास करने की आवश्यकता नहीं होगी, केवल आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर अनुमोदित कराना होगा. अब रिहायशी इलाकों में कॉमर्शियल एक्टीविटी हो सकेगी, अब तक मकान में दुकान और कॉमर्शियल एक्टिविटी मान्य नहीं था। विकास प्राधिकरण क्षेत्र के रेजिडेंशियल लैंडयूज में किसी तरह का व्यावसायिक निर्माण मान्य नहीं था, अब 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर कॉमर्शियल निर्माण रिहायशी में भी किया जा सकेगा। इसके अलावा इससे कम चौड़ी सड़क पर जो भी प्रोफेशनल लोग हैं, जैसे वकील, डॉक्टर, आर्किटेक्ट वे अपने कार्यालय और क्लीनिक खोल सकेंगे।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *