आपकी कार में लगा है पुराना फास्टैग तो हो जाएं अलर्ट, इस महीने से बदल गए ये 7 नियम

आपकी कार में लगा है पुराना फास्टैग तो हो जाएं अलर्ट, इस महीने से बदल गए ये 7 नियम

आपकी कार में लगा है पुराना फास्टैग तो हो जाएं अलर्ट, इस महीने से बदल गए ये 7 नियम

FasTag Rule Changes from August: एनपीसीआई ने फास्टैग से टोल पेमेंट को तेज व आसान बनाने के लिए नियमों में कुछ बदलाव किया है. सारे बदलाव कल से लागू हो चुके हैं...

सभी वाहन चालकों के लिए फास्टैग बहुत जरूरी बन चुका है. यह न सिर्फ टोल प्लाजा पर समय की बचत कराता है, बल्कि पैसे भी बचाता है. अगर आप भी कार से यात्रा करते हैं तो आपको फास्टैग के बारे में जरूर अच्छे से पता होना चाहिए. इस जरूरी फास्टैग से जुड़े कई नियम इस महीन से बदल गए हैं.

अगस्त की पहली तारीख से प्रभावी

नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने फास्टैग से जुड़े नियमों में बदलाव किया है. एनपीसीआई का कहना है कि फास्टैग के नए नियम टोल बूथ पर टोल के भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाने और गाड़ियों की भीड़ को कम करने के लिए हैं. फास्टैग के बदले नियमों से नए और पुराने ग्राहक दोनों प्रभावित होने वाले हैं. ये बदलाव एक अगस्त 2024 से प्रभावी हो गए हैं. आइए जानते हैं अगस्त यानी इस महीने से फास्टैग से जुड़े किन नियमों में बदलाव हुआ है...

इस महीने से बदले ये 7 नियम

1: अगर आपका फास्टैग 5 साल से ज्यादा पुराना है तो आपको उसे रिप्लेस कराना होगा.

2: अगर आपका फास्टैग 3 साल से ज्यादा पुराना हो गया है तो अब आपको केवाईसी को अपडेट कराने की जरूरत होगी.

3: हर यूजर के लिए अब कार के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर को फास्टैग के साथ लिंक करना अनिवार्य हो गया है.

4: नई कार खरीदने पर यूजर को 90 दिनों के भीतर फास्टैग पर रजिस्ट्रेशन नंबर अपडेट करना होगा.

5: सभी फास्टैग प्रोवाइडर्स यानी फास्टैग देने वाले बैंकों व कंपनियों को अपने डेटाबेस को वेरिफाई करना होगा.

6: फास्टैग के साथ कार की आगे और पीछे से साफ तस्वीर अपलोड करना जरूरी है.

7: फास्टैग का किसी एक मोबाइल नंबर के साथ लिंक होना जरूरी है.

ऐसे काम करता है फास्टैग

फास्टैग एक स्टिकर के रूप में मिलता है, जिसे वाहनों के आगे के शीशे पर लगाया जाता है. फास्टैग की मदद से हर टोल बुथ पर गुजरने वाले वाहनों से स्वत: ही टोल का भुगतान हो जाता है. इससे टोल बुथ पर गाड़ियों की भीड़ जमा नहीं होती है. फास्टैग नहीं होने पर वाहन चालकों को डबल टोल टैक्स का भुगतान करना पड़ जाता है.

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