आखिर डीएम को गुस्सा आ ही गया, चपेट में एक्सईएन सिंचाई आए
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 20 May, 2025 20:53
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आखिर डीएम को गुस्सा आ ही गया, चपेट में एक्सईएन सिंचाई आए
-उल्टा सीधा रिपोर्ट लगाने के आरोप में डीएम ने रोेका वेतन, मांगा स्पष्टीकरण
-एक दिन पहले प्रभारी मंत्री के विकास कार्यो की समीक्षा बैठक में एमएलसी प्रतिनिधि हरीश सिंह ने आईजीआरएस की उपयोगिता और गुणवत्ता पर सवाल उठाया
बस्ती। आईजीआरएस को लेकर पहली बार डीएम रवीश गुप्त की सख्ती दिखाई दी। नाराजगी और चेतावनी तक सीमित रहने वाले डीएम ने आईजीआरएस में उल्टा सीधा और गुणवत्तापरक निस्तारण न करने के आरोप में सिंचाई विभाग के एक्सईएन का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश एडीएम को दिया। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ जनता डीएम से इससे भी सख्त कार्रवाई करने की अपेक्षा कर रही है। कहा जाता है, कि अगर एक दिन पहले प्रभारी मंत्री की बैठक में एमएलसी प्रतिनिधि आईजीआरएस की उपयोगिता और गुणवत्ता पर सवाल न उठाए होते और मंत्री की ओर से नाराजगी न जताई जाती जो षायद यह कार्रवाई भी न होती। यह सही है, कि जिले में आईजीआरएस मजाक बनकर रह गया है। डीएम कितना भी चिल्लाते रहते कि अधिकारी गुणवत्तापरक निस्तारण करें, लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं, इन्हें अच्छी तरह मालूम हैं, कि डीएम साहब डांट डपट सकते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं कर सकते। लेकिन अगर डीएम को मंत्रीजी ओर से नारजगी जताई जाएगी तो कोई भी डीएम इसे बर्दास्त नहीं करेगा, कार्रवाई तो वह करेगा ही। इसी चपेट में सिंचाई विभाग के एक्सईएन आ गए। अब अधिकारियों को यह लगने लगा होगा कि डीएम साहब कार्रवाई भी कर सकते है। कलेक्टेªट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम रवीश गुप्ता ने सभी विभागों के विभागाध्यक्ष को निर्देशित करते हुए सचेत किया कि किसी भी दशा में आईजीआरएस के अन्तर्गत प्राप्त संदर्भाे को डिफाल्टर की श्रेणी में ना जाने दे, अन्यथा की स्थिति में संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जायेंगी। समीक्षा में पाया गया कि अधिशासी अभियंता सिंचाई राकेश गौतम द्वारा शिकायतों का निस्तरण ठीक से नही किया जा रहा है इस पर डीएम के द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण व वेतन रोके जाने का निर्देश अपर जिलाधिकारी प्रतिपाल सिंह चौहान को दिया। डीएम ने विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया कि प्राप्त संदर्भो का गुणवत्तापूर्ण आख्या अपलोड करना सुनिष्चित करें। इसके साथ ही श्रेणी का चयन सही से किया जाय, जिससे जिले की रैंक प्रभावित ना हों। उन्होने राजस्व के प्राप्त प्रकरण में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिकायतकर्ता से फोन/एसएमएस के माध्यम से अवगत कराते हुए स्थल पर जाये तत्पष्चात् गम्भीरता से दोनों पक्षों को सुने, उसके बाद निस्तारित आख्या तथा प्रकरण से संबंधित फोटोग्राफ्स पोर्टल पर अपलोड करें। आख्या लगाने के बाद दोनों पक्षों से फीडबैक अवश्य ले कि दोनों पक्ष संतुष्ट हो। बैठक में सीडीओ सार्थक अग्रवाल, एडीएम प्रतिपाल चौहान, सीएमओ डा. राजीव निगम, डीडीओ अजय कुमार, उप जिलाधिकारी सदर शत्रुध्न पाठक, हर्रैया मनोज प्रकाश, भानपुर रष्मि यादव, रूधौली सत्येन्द्र सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी सत्यवीर सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीप्रकाश पाण्डेय, ई.डी.एम. सौरभ द्विवेदी तथा विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें।
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