योगीजी, आपके बीडीओ को नकली प्रमुख ने रिवाल्वर दिखाया, मांगा 20 करोड़ का काम

योगीजी, आपके बीडीओ को नकली प्रमुख ने रिवाल्वर दिखाया, मांगा 20 करोड़ का काम

योगीजी, आपके बीडीओ को नकली प्रमुख ने रिवाल्वर दिखाया, मांगा 20 करोड़ का काम

-बीडीओ साहब जब आप अगर नकली प्रमुखों के साथ चाय पीएगें उन्हें साथ गल बहिंया करेगें तो वह रिवाल्वर दिखाएगा ही

-नकली प्रमुख शैलेंद्र दूबे पुत्र केके दूबे ने पहले बीडीओ के कमरे को लाक किया, मोबाइल को छीना, सेक्योर की आईडी व मनरेगा का पासवर्ड मांगा, फिर पिस्टल दिखाकर कहा कि अगर 20 करोड़ के पक्के कामों की मंजूरी नहीं दिया तो जान से मार देगें

-बीडीओ ने कहा कि यह और इनके तीन चार साथी निरंतर धमकाते रहतें हैं, अष्लील और अर्मादित षब्दों का प्रयोग करते रहते, मारापीटा और वीडियो भी बनाया, और कहा कि अगर कार्यो की मंजूरी नहीं दी वायरल कर दूंगा

-कहा कि प्रधान संघ के अध्यक्ष सचिन दूबे और अंकित षुक्ल के कारण ही वह विकास भवन के गेट से जान बचाकर भाग सके

बस्ती। सवाल उठ रहा है, कि आखिर बहादुरपुर के नकली प्रमुख शैलेंद्र दूबे एवं भाजपा के नेता पुत्र केके दूबे किसके बल पर बीडीओ के चेंबर में जाकर इतना बड़ा कांड कर डाला, कमरा लाक किया, रिवाल्वर दिखाया और कहा कि अगर 20 करोड़ के मनरेगा के पक्के कामों के वित्तीय स्वीकृति नहीं दी तो जान से हाथ धो बैठोगे, मारापीटा, चयमा तोड़ा, मोबाइल को कब्जे में ले लिया, और घटना का वीडियो बनाते हुए कहा कि अगर मंजूरी नहीं दी तो अंजाम भुगतने को तैयार रहो। रिवाल्वर तब दिखाया, जब बीडीओ ने मांगने के बावजूद मनरेगा का सेक्योर की आईडी और पासवर्ड नहीं दिया। इस तरह की घटनाएं अक्सर सपा कार्यकाल में देखने को मिलती थी, लेकिन अब तो भाजपा में भी देखने को मिल रही है। घटना को अंजाम देने से पहले बीडीओ के चेंबर में उस समय मौजूद रहें बीएमएम हरिओम पांडेय और डारीडीहा के चर्चित प्रधान सुनील कुमार चौधरी को नकली प्रमुख और तीन साथियों ने कमरे से बाहर किया, फिर क्लास टू के अधिकारी के साथ ऐसा बर्ताव किया, जो कोई अपराधी ही कर सकता है। वैसे इस घटना और एफआईआर दर्ज होने के बाद इनकी गिनती मुजरिम के रुप में होने लगी है। अभी तक इस तरह की अधिकतर घटनाएं पीडब्लूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच में होने की बातें सामने आती रही है, लेकिन बीडीओ और नकली प्रमुख के बीच ऐसी घटना पहली बार सुनने को मिल रही है। इस घटना के बाद पूरे जिले में भाजपा नेता केके दूबे और उनके बेटे की किरकीरी हो रही है, पार्टी के नेताओं पर भी अगुली उठ रही है, और कहा जा रहा है, तो यह तो होना ही था। हर कोई यह कह रहा है, कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं हैं। ऐसे में अगर कोई भाजपा नेता का बेटा कानून को हाथ में लेता है, वह भी पैसे के लिए तो यह और भी निंदनीय है। समाज इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों को कभी सम्मान की नजर से नहीं देखती। बीडीओ साहब के आरोपों में कितना दम हैं, इसका पता तो जांच के बाद ही चलेगा, लेकिन इसे लेकर एक बात स्पष्ट हो गई, और जिसका जिक्र मीडिया बार-बार कर रही है, कि भाजपा वाले खुद ही पार्टी की कब्र खोद रहे है। यही लोग हैं, जिनके भ्रष्टाचार के चलते पार्टी को एक सांसद और चार विधायक को खोना पड़ा, अब यही लोग बस्ती से भाजपा का 2027 का सफाया करने की तैयारी कर रहे है। जिस तरह असली/नकली प्रमुखों ने जिलेभर में तांडव मचा रखा है, उससे नहीं लगता कि 2027 में भाजपा को एक भी सीट नषीब होगी। जिस तरह विपक्ष को बिना मेहनत के एक सांसद और चार विधायक मिलें हैं, उसी तरह 2027 में भी मिल सकता हैं, जो भाजपा की एक सीट बची है, वह भी हाथ से ना निकलने के आसार नजर आ रहे है। विपक्ष को बिन मांगे ही मुरादें मिल जा रही है, और यह मुरादें स्थानीय भाजपा के नेताओं की नाकामी और लालची स्वभाव के चलते मिल रहा है। हर कोई यह कह रहा है, कि यह उस योगीजी के राज में हो रहा है, जो ईमानदार माने जाते हैं, लेकिन उनकी ईमानदारी पर उन्हीं के लोग नीजि लाभ के लिए बटटा लगा रहे हैं। योगजी को तो बदनाम कर ही रहे हैं, साथ में भ्रष्टाचार भी फैला रहे है।

अगर माफी मांग लेते तो नहीं बनते मुजरिम

भाजपा नेता केके दूबे के वादे के मुताबिक अगर उनका बेटा बीडीओ से माफी मांग लेता तो बात थाने तक नहीं पहुंचती और ना एफआईआर ही दर्ज होता, और ना वह मुजरिम ही बनते।  चूंकि ठहरे यह भाजपा के नेता के बेटा उपर से अनैतिक पैसे की गर्मी। रही सही भाजपा नेताओं का आर्षीवाद ने पूरा कर दिया। बीडीओ ने बताया कि षैलेंद्र दूबे का तालमेेल अधिकतर प्रधानों से ठीक नहीं रहा। एक तरह से यह प्रधानों को हमारे खिलाफ भड़काने का काम कर रहे थे, ताकि प्रधान आंदोलित होकर हमारे तबादले की मांग कर सके। कहा कि केके दूबे ने मुझसे समन्वय बनाकर चलने को कहा था, और यह भी कहा था, कि षैलेंद्र आप से आकर माफी मांगेगा। जिसके चलते उन्होंने चंेबर में हुई घटना का कोई जिक्र किसी से नहीं किया। माफी मांगने को कौन कहे अप्रिय घटना के बाद भी लगातार यह प्रतिदिन अपने एक दर्जन साथियों के साथ मुझे मारने के उद्वेष्य से खोजते रहे। तभी से मैं ब्लॉक जाना बंद कर दिया। कहा कि अगर इसी तरह स्थित बनी रही और दोषियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो पदीय दायित्व का निवर्हन करना कठिन हो जाएगा। लिखा कि अगर भविष्य में मेरे या फिर मेरे परिवार के साथ कोई घटना घटित होती है, तो इसके लिए पूरी तरह शैलेंद्र दूबे और उनके साथियों को ही जिम्मेदार माना जाए। यह भी लिखा कि अगर मेरी त्वरित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई तो उन्हें ब्लॉक जाने में कठिनाई होगी, जिसके चलते षासकीय कार्य प्रभावित भी हो सकता है। यह सारी बाते दर्ज एफआईआर में कही गई है।

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