दरोगाजी ने पहले कार से उड़ाया फिर कहा मर क्यों नहीं गए?
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 13 June, 2025 23:31
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दरोगाजी ने पहले कार से उड़ाया फिर कहा मर क्यों नहीं गए?
-मोटरसाइकिल को इतनी जोर से टक्कर मारी कि उस पर बैठा व्यक्ति कार के बोनट पर फुटबाल की तरह जा गिरा
-घायलों का मरहम पटटी कराने के बजाए मौजूद लोगों को यह थमकाते हुए कार ले चले गए, कि अगर थाने गए तो तुम लोगों का भी वही होगा, जो बाप-बेटे का हुआ
-घायल लाटबक्स सिंह का बायां कंधा टूट गया, बाई जांघ कई जगह टूट गई, दिव्यांश भी गंभीर रुप से अस्पताल से वापस घर पर टूटे पैर और कंधा को ठीक होने का इंतजार कर रहें
बस्ती। आखिर पुलिस वाले कब पीड़ितों और घायलों के मददगार बनेगें और कब इनका वर्दी का घंमड टूटेगा? यह सवाल बार-बार समाज के लोग उठा रहे है। जबाव तो उन्हें नहीं मिलता, अलबत्ता अपने तरीके से जबाव देने का मौका ढूढ़ते रहते है। इनके वर्दी का नशा उस दिन उतरता है, जिस दिन इनपर कोई आफत आती है। इससे पहले यह आम आदमी को आम आदमी तक नहीं समझते। सभी पुलिस वाले खराब नहीं होते, कुछ ऐसे पुलिस वाले भी होते हैं, जिन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास रहता हैं, और कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्हें जिम्मेदारी का एहसास ही नहीं होता, इसी में एक नाम हैं, दरोगा रितेश कुमार सिंह है। लोग कहते हैं, कि पता नहीं इन्हें कब अपनी जिम्मेदारी का एससीस होगा और कब इनके सिर से वर्दी का घंमड टूटेगा? इसी घंमड के चलते इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ। अगर उस दिन घायलों को इलाज कराने के बजाए उन्हें यह नहीं कहते कि साले मरे क्यूं हम तो चाहते थे, कि मर जाओ, एक तो अपनी कार से दो लोगों को उड़ा दिया, उपर से उन्हें वर्दी का धौंस दिखाकर धमकी भी दे रहे है। इन्होंने उन लोगों को भी यह धमकी दिया कि अगर थाने गए तो तुम लोगों का भी वही हाल होगा, जो बाप-बेटे का हुआ। अब इन्हें कौन समझाने जाए कि यह न तो कोई खुदा हैं, और न कोई गुंडा। वर्तमान परिवेश में यह एक ऐसे दरोगा हैं, जिनकी वर्दी उतरते देर नहीं लगती। कहा भी जाता है, जो मजा किसी की मदद में मिलता है, वह मजा दौलत में नहीं मिलता। अगर किसी पुलिस वाले को अपनी वर्दी पर इतना ही घंमड हैं, तो उसे उन लोगों पर उतारना चाहिए, जो समाज और सरकार दोनों के दुष्मन होते है। असनहरा चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले घायल लाट बक सिंह का कहना है, कि अगर चौकी इंचार्ज हम लोगों की मदद करते तो हम लोग उनके खिलाफ मुकदमा न दर्ज करवाते। लेकिन उन्होंने मदद करने के बजाए वर्दी का रौब दिखाने लगे। जिस कार से टक्क्र मारी गई, वह सफेद रंग की ईको स्पोर्ट कार जिसका नंबर यूपी53डीडी0634 है।
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