शुक्लाजी क्यों निवेशकों के करोड़ों की जमीन, दामाद को लीज पर दिया?
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 31 July, 2025 19:27
- 32

शुक्लाजी क्यों निवेशकों के करोड़ों की जमीन, दामाद को लीज पर दिया?
-बकौल आप दोनों भाईयों के जब दोनों का सिटी टाइम्स कंपनी से 2017 में कोई संबध नहीं रहा तो फिर कैसे 2022 में दीपचंद्र शुक्ल पुत्र अर्जुन शुक्ल ने भाई पूर्व विधायक सीपी शुक्ल के दामाद हेमेंद्र द्विवेदी पुत्र राम शंकर द्विवेदी को हरदिया चौराहे के पास एनएच पर छह बीघा जमीन को 29 साल 11 माह के लिए लीज पर दे दिया, वह भी सिर्फ 8400 सालाना पर
-जब जमीन दामाद के नाम पर लीज हुआ तो उस समय कंपनी के चेयरमैन आप नहीं बल्कि पंकज कुमार पांडेय थे, तो किस हैसियत से आपने जमीन को लीज पर दे दिया, वह भी इतने कम मूल्य पर
-शुक्लाजी निवशकों के पैसे से खरीदी गई जमीन को निवेशकों को वापस करने के बजाए आपने दामाद को लीज पर दे दिया, इसे लेकर बस्ती में वाद भी दाखिल
-पूर्व विधायक ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा कि पंकज कुमार पांडेय ने आरबीआई का फर्जी लाइसेंस बनाया, शुक्लाजी जब यह फर्जी लाइसेंस बना तो उस समय आप कंपनी के चेयरमैन थे, न कि पंकज कुमार पांडेय, तो फिर कैसे पांडेयजी ने फर्जी लाइसेंस बनवाया
-जब पंकज कुमार पांडेय चेयरमैन तो उन्होंने ने ही आरबीआई के लाइसेंस की जांच करवाई थी, जिसमें जारी लाइसेंस फर्जी पाया गया
-पूर्व विधायकजी कहते हैं, कि उनके भाई दीपचंद्र शुक्ला इस कंपनी के कुछ भी नहीं हैं, तो फिर कैसे यह 28 अगस्त 23 को चेयरमैन बन गए, पूर्व विधायकजी कहते हैं, कि मैं निवेशुकों के साथ खड़ा हूं, लेकिन यहां पर परिवार के साथ खड़ा होते दिख रहें
-पूर्व विधायक के बयान के बाद अनेक निवेशक सामने आ गए, कोई कह रहा है, के मेरा चार लाख लिया, कोई हि रहा है, कि हमने पांच लाख जमा करवाया था, किसी ने कहा मेरा भी जमीन के नाम पर 50 हजार टाइम सिटी में जमा, तो कोई 2.44 लाख बता रहा, कहा कि अब यह सोनहा से कार्यालय बंदकर फरार हो रहें
बस्ती। जिस कंपनी की बुनियाद ही फ्राड के गारे मिटटी पर खड़ी हो, उसका तो ढ़हना तय है। कहा जा जा रहा है, कि भाजपा नेता आखिर कहां-कहां और किसको-किसको चूना लगाएगें, सरकार के धन को तो यह लोग जैसा चाह रहें हैं, वैसा लूट रहे हैं, और अब तो गरीबों का पैसा भी लूटने लगे, आखिर भाजपाई ही क्यों इतना लूटपाट मचाए हुए है? अब तो भाजपा नेता अपने बचाव में गलतबयानी भी करने लगें है। एक दिन पहले कप्तानगंज में मीडिया के सामने जिस तरह पूर्व विधायक सीपी षुक्ल और उनके भाई दीपचंद्र शुक्ल ने अपने उपर दर्ज मुकदमों को लेकर जो बयान देते हुए कि एक साजिष के तहत उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने का षडयंत्र किया जा रहा है। यह भी कहा कि टाइम सिटी में हुए गोलमाल से उनका और उनके परिवार को कोई भी लेना देना नहीं। इन्होंने सारा ठीकरा पंकज कुमार पांडेय के सिर पर फोड़ दिया, पता चला है, कि पंकज कुमार पांडेय बस्ती आने वाले हैं, और वह भी पूर्व विधायक की तरह पीसी कर यह बताना चाहते है, कि कौन सही है, और कौन गलत। जब पूर्व विधायक के बयान की छानबीन की गई तो, खुद पूर्व विधायक का परिवार सवालों के घेंरे में आ गया। पूर्व विधायक के बयान के बाद अनेक निवेशक सामने आ गए, कोई कह रहा है, कि मेरा चार लाख लिया, कोई कह रहा है, कि हमने पांच लाख जमा करवाया था, किसी ने कहा मेरा भी जमीन के नाम पर 50 हजार टाइम सिटी में जमा, तो कोई 2.44 लाख बता रहा, कहा कि अब तो यह सोनहा से कार्यालय बंदकर फरार होने की तैयारी में है।
सवाल उठ रहा, बकौल दोनों भाईयों के जब दोनों का सिटी टाइम्स कंपनी से 2017 से ही कोई संबध नहीं रहा तो फिर कैसे 2022 में दीपचंद्र शुक्ल पुत्र अर्जुन शुक्ल ने भाई पूर्व विधायक सीपी शुक्ल के दामाद हेमेंद्र द्विवेदी पुत्र राम शंकर द्विवेदी को हरदिया चौराहे के पास एनएच पर छह बीघा जमीन को 29 साल 11 माह के लिए लीज पर दे दिया, वह भी सिर्फ 8400 सालाना में। यह जमीन निवेशकों की जमा पूंजी से खरीदी गई, आज इसकी कीमत लगभग 20 करोड़ बताई जा रही है। यह भी कहा जा रहा है, कि जब जमीन दामाद के नाम पर लीज पर की गई तो उस समय कंपनी के चेयरमैन न तो सीपी शुक्ल और न उनके भाई दीपचंद्र शुक्ल थे, बल्कि चेयरमैन तो पंकज कुमार पांडेय थे, तो किस हैसियत से दीपचंद्र शुक्ल ने करोड़ों की जमीन को पूर्व विधायक के दामाद को लीज पर दे दिया, वह भी इतने कम मूल्य पर। लोग कहते हैं, कि अगर वह जमीन हम्हें मिल जाए तो हम उसे एक लाख रुपया प्रति माह देने को तैयार है। जिस जमीन को बेचकर निवेशकों को मुनाफे के साथ पैसा वापस करना चाहिए, उस जमीन को दामाद को लीज पर दे दिया, ऐसे में क्या निवेशकों को उनका पैसा मिल पाएगा या नहीं? यह बड़ा सवाल बना हुआ हैं, वैसे भी इस मामले में चंद्रप्रकाश शुक्ल एवं लहुरी को पार्टी बनाकर सिविल जज सी. डिवीजन में टाइम सिटी रिटेल प्रोडेक्ट प्रा. लि. बनाम चंद्रप्रकाश शुक्ल एवं लहुरी के नाम से अधिवक्ता विजय कुमार त्रिपाठी ने सात मई 24 को मुकदमा दायर कर रखा है। जिसकी सुनवाई 13 अगस्त 25 को है।
पूर्व विधायक ने मीडिया को दिए गए बयान में यह भी कहा कि पंकज कुमार पांडेय ने आरबीआई का फर्जी लाइसेंस बनाया, शुक्लाजी जब यह फर्जी लाइसेंस बना तो उस समय आप कंपनी के चेयरमैन थे, न कि पंकज कुमार पांडेय, तो फिर कैसे पांडेयजी ने फर्जी लाइसेंस बनवाया? जब पंकज कुमार पांडेय चेयरमैन बने तो उन्होंने ने ही आरबीआई के लाइसेंस की जांच करवाई थी, जिसमें जारी लाइसेंस फर्जी पाया गया। पूर्व विधायकजी कहते हैं, कि उनके भाई दीपचंद्र शुक्ला इस कंपनी के कुछ भी नहीं हैं, तो फिर कैसे यह 28 अगस्त 23 को चेयरमैन बन गए, पूर्व विधायकजी यह भी कहते हैं, कि मैं निवेशकों के साथ खड़ा हूं, लेकिन यहां पर ऐसा लग रहा है, कि यह परिवार के साथ खड़ें है।
Comments