सदर क्षेत्र पंचायत के 52 लाख की सड़क 52 दिन भी नहीं चला

सदर क्षेत्र पंचायत के 52 लाख की सड़क 52 दिन भी नहीं चला

सदर क्षेत्र पंचायत के 52 लाख की सड़क 52 दिन भी नहीं चला

-जब जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत में 50 और 30 फीसद हिस्सा बखरा में चला जाएगा तो सड़कों का यही हाल होगा

-लाखों खर्च करने के बाद अगर उसका लाभ नागरिकों को ना मिले तो इससे अच्छा योजना ही बंद कर देनी चाहिए

-कोई सड़क के नाम पर तो कोई साइफन के नाम पर तो कोई मनरेगा के नाम पर सरकारी धन को लूट रहा

सदर क्षेत्र पंचायत निधि से ग्राम लौकि हवा में निकट काली मंदिर के पास से सुडडु सिंह के घर के सामने निर्माण हुए ईटरलाकिगं और साइफन लगाने में हुआ 32 लाख का खेल

-डीएम से की गई शिकायत और कहा गया कि अगर कोई योजना अभिषाप बन जाए तो इसे सरकारी धन की बर्बादी मानी जाएगी


बस्ती। जिला पंचायत में अगर 50 फीसद बखरा वाले घटिया सड़कों का निर्माण हो सकता है, तो क्यों नहीं क्षेत्र पंचायतें वही घटिया निर्माण 30 फीसद बखरा में करेंगी। चूंकि जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत निधि की जांच कभी नहीं होती, इस लिए जो जितना चाह रहा है, उतना सरकारी धन को लूट रहा हैं, अगर यही जांच और कार्रवाई होने लगे तो काफी हद तक सड़कों की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। आज जो जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत निधि में लूट मची हुई हैं, उसके लिए काफी हद तक पूर्व सांसद को जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि इन्हें भी लोगों ने धोखा दिया, और इन्हें हराने के लिए 25 लाख तक के काम का लालच भी दिया गया, जिसका प्रभाव इनके चुनाव पर पड़ा, और इन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इन्होंने पद पर बैठाने और लूटने के लिए जिसका भी सहयोग किया, उनमें अधिकांश लोगों ने इन्हें चुनाव में धोखा दिया, हालत यह है, कि अब इन्हें कोई मुख्य अतिथि तक बनाने को तैयार नहीं। बहरहाल, बुरे का अंजाम बुरा ही होता है। जिस तरह खुले आम जिला पंचायत में 50 फीसद और क्षेत्र पंचायत एवं नगरपालिका सहित नगर पंचायतों में 30 फीसद तक बखरा लिया जा रहा हैं, उससे जिले का अधिकांश पैसा अध्यक्षों और खंड विकास अधिकारियों की जेबों में जा रहा है।

 अब हम आप को क्षेत्र पंचायत सदर के लूटपाट के बारे में बताते है। बड़ी मुष्किल से और पत्रकारों की सिफारिश पर तत्कालीन सदर के बीडीओ अनिल यादव ने लौकिहवा में इंटरलाकिगं और साइफन कार्य की मंजूरी दिया। इन्हें क्या मालूम था, कि इनके ब्लॉक छोड़ते ही धन की लूट होने लगेगी। बहरहाल, 52 लाख के इस योजना का अगर किसी अधिकारी को सच देखना है, तो वह मौके पर जा सकता हैं, अगर 52 लाख का प्रोजेक्ट 52 सप्ताह या फिर दिन तक नहीं चलेगा तो सवाल उठेगा ही। डीएम से की गई शिकायत में कहा गया कि ग्राम लौकिहवा में निकट काली मंदिर के पास सुडडु सिंह के घर के सामने मोड़ तक साईफन पाइप और कुछ दूर इंटरलाकिगं सड़क का निर्माण सदर ब्लाक के द्वारा क्षेत्र पंचायत निधि से कराया गया, आन लाइन इसकी लागत 52 लाख बताया जा रहा है। कहा गया कि साइफन नाले का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन साइफन के अंतिम छोर जहां से गांव के लोगों के घरों का गंदा पानी निकलना था, वहां ना तो चेंबर बनाया गया और ना ही साइफन लगाया गया, जिसके चलते 900 मीटर साइफन और चेंबर में नाली का पानी एकत्र होने लगा है। कहा गया कि इसे लेकर सचिव और बीडीओ से षिकायत की गई, लेकिन कोई एक्षन नहीं लिया गया। कहा गया कि अगर सरकार की योजना का लाभ आम नागरिकों को नहीं मिलेगा और योजना अभिषाप बन जाएगा तो इससे सरकारी धन की बर्बादी के सिवाय कुछ नहीं है। पत्र में जांच करवाने और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। ताकि गांव में सक्रांमक बीमारी होने से रोका जा सके।

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