रुधौली के सुरवार खुर्द में नहीं पहुंची विकास की किरणें

रुधौली के सुरवार खुर्द में नहीं पहुंची विकास की किरणें

रुधौली के सुरवार खुर्द में नहीं पहुंची विकास की किरणें

 -यह ग्राम पंचायत विकास के लिए तड़प रहा,  लेकिन प्रधान की लापरवाही के चलते ठेकेदार और सप्लायर हो रहे हैं मालामाल

-प्रदेश के मुख्य योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम पर हो रहा जमकर बंदरबांट

बस्ती। रुधौली विकास खंड के ग्राम पंचायत सुरवार खुर्द में प्रधान की मेहरबानी से अभी तक विकास की किरणें नहीं पहुंची है। ब्लॉक के निरंतर भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित हो रही हैं, लेकिन यहां के माननीय और अधिकारियों की आंखें तनिक भी नहीं खुल रही है। जहां एक तरफ प्रदेश के मुख्य योगी आदित्यनाथ ग्राम पंचायत को बेहतर बनाने हेतु तरह-तरह की योजना लाकर विकास करने का काम किया है फिर भी न जाने उनके अधिकारी और कर्मचारी उसका पलीता लगाने में तनिक भी भय नहीं है।


अगर किसी को विकास का सच धरातल पर देखना हो, तो वह विकासखंड रुधौली के ग्राम पंचायत सुरवार खुर्द में जाकर देख सकता है। यहां पर कई वर्ष बीत जाने के बाद भी पंचायत भवन का निर्माण पूरी तरीके से नहीं हो सका यहां पर बैठने वाले अधिकारी भी इधर-उधर बैठकर ग्राम पंचायत स्तर के विकास की बात करते नजर आते हैं। स्थानीय लोगों की माने तो ग्राम प्रधान हुआ लेखपाल की लापरवाही के चलते चारागाह की जमीन पर पंचायत भवन का निर्माण पूरी तरीके से हो चुका था लेकिन किसी ग्रामीण शिकायतकर्ता ने उच्च अधिकारियों से गुहार लगाकर पंचायत भवन का निर्माण रुकवा दिया जो बिना छत के ही रुक गया। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि यदि सरकारी धन का दुरुपयोग कर विवादित जमीन पर पंचायत भवन बनाया गया तो शिकायतकर्ता ने नीव रखते वक्त क्यों नहीं विरोध किया और जब पूरा पंचायत भवन का स्ट्रक्चर और मकान तैयार हो गया तो छत लगने में क्यों ऐतराज कर रहा है।

मीडिया टीम के पड़ताल में अगला पड़ाव सामुदायिक शौचालय भवन का रहा जहां की स्थिति काफी दयनीय रही यहां पर गेट खुला हुआ मिला और अंदर की स्थिति देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे मानो किसी जंगल में आ गए हैं वहां पर इतनी ज्यादा घास फूस निकल गए है कि वहां पर कोई ग्रामीण शौचालय तो दूर बैठने से भी डरेगा। वहां पर काम किए गए राजगीरों द्वारा इतना बेहतर कार्य किया गया कि शौचालय सीट से निकलने वाले मल का ढक्कन तक भी नहीं बंद किया। हद तो तब हो गई जब बाहर बने गड्ढे को देखा तो देखते ही बन रहा था वहां पर मल तो दूर सांप का बिल बना मिल रहा था और सामुदायिक शौचालय गेट के बाहर बने ढक्कन तितर बितर मिले। जब इस प्रकरण में ग्राम विकास अधिकारी अशोक गौतम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वहां पर कोई केयरटेकर अथवा समूह की महिला का कोई तैनाती नहीं है जिसकी वजह से इस कदर हो गया इसके पहले तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी के लापरवाही का नतीजा है जो पूरी तरीके से पूर्ण नहीं हो सका। और ग्राम प्रधान से जब बनवाने की बात कही जाती है तो या तो उनका फोन नहीं उठेगा अथवा टालमटोल कर हटा दिया जाता है।

अभी तीन दिन पूर्व ग्राम पंचायत में निकलने वाले कूड़ा को लेकर आरआरसी (कूड़ाघर) का निर्माण किया जा रहा था, जिसमें ठेकेदार और सप्लायर द्वारा जमकर घोटाला किया गया वहां पर लगा हुआ सरिया, ईट, सीमेंट, का जो भी प्रयोग किया गया वह पूरी तरीके से मानकविहीन दिख रहा था। निर्माणाधीन कूड़ा घर के बगल में रहने वाले एक युवक ने बताया कि यहां पर जो भी कार्य किया गया हुआ सिर्फ कोटा पूर्ति हेतु किया गया ग्राम पंचायत के प्रधान मात्र एक बार जमीन बताने हेतु आए थे तब से वह कूड़ा घर की तरफ देखना उचित भी नहीं समझे,जैसा चाहा वैसा ठेकेदार और सप्लायर ने मिलकर बना दिया। वहां की मौजूद लोगों ने बताया कि आरआरसी सेंटर के निर्माण में इस कदर धाधली की गई है कि उसकी नींव तक नहीं खोदी गई। जमीन के ऊपर खड़ी ईट लगाकर दीवाल खड़ा किया गया उसके बाद ईट बिछाकर बालू सीमेंट से घोराई कर आनन फानन पूरा कर दिया गया। वहां पर मौजूद लोगों से वार्ता करने पर पता चला कि जब पिछली बार ग्राम प्रधान बने थे तो काफी सहज नजर आ रहे थे लेकिन दोबारा प्रधान चुने जाने के बाद गांव की विकास मानो थम सी गई हो। ग्राम विकास अधिकारी अशोक गौतम ने बताया कि उच्च अधिकारियों को सूचना देकर मामले का अवगत कराया गया है जल्द ही टीम बनाकर निरीक्षण और विधिक करवाई करवाई जाएगी।

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