प्रधानों’ के ‘भाग्य’ का ‘फैसला’ करेगें ‘2.87’ लाख नये ‘वोटर्स’

प्रधानों’ के ‘भाग्य’ का ‘फैसला’ करेगें ‘2.87’ लाख नये ‘वोटर्स’

प्रधानों’ के ‘भाग्य’ का ‘फैसला’ करेगें ‘2.87’ लाख नये ‘वोटर्स’

-सबसे अधिक नये मतदाता सल्टौआ में 22286, रामनगर में 15722, रुधौली में 15174 और कुदरहा में 12304 जोड़े गए

-इसी तरह सबसे अधिक मतदाता सल्टौआ में 12603, बनकटी 8760, कुदरहा 7919 और रुधौली में 7840 मतदाता घटाए गए

-18.68 लाख से अधिक मतदाता 1187 प्रधानों, 1078 बीडीसी, 43 जिला पंचायत सदस्य और 13803 ग्राम पंचायत सदस्यों के भाग्य का फैसला करेगें, इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या नौ लाख 89 हजार 589 और महिला मतदाताओं की संख्या आठ लाख 93 हजार 350

-सबसे अधिक मतदाताओं की संख्या सदर में 177080, गौर में 169457, परसरामपुर में 163899, सल्टौआ में 161552, साउंघाट में 140326, सबसे कम मतदाता कप्तानगंज में 80288 एवं दुबौलिया में 95996

-मतदान के लिए 1226 मतदान केंद्र और 2959 मतदान स्थल बनाए जाएगें, सबसे अधिक मतदान सदर में 111, गौर में 110, परसरामपुर में 107 एवं सल्टौआ में 107 केंद्रों पर होगा

-22 दिसंबर को मतदाता सूची का आलेख प्रकाशन होगा और 24 से 30 दिसंबर तक आपत्ति दाखिल की जा सकती

बस्ती। पंचायत चुनाव में मतदान से अधिक मतदाता सूची पर सवाल उठते आ रहे है। सबसे अधिक शिकायत उन बीएलओ की आती है, जो प्रधानों के दबाव या प्रलोभन में आकर विरोधी का नाम काटने और फर्जी नाम जोड़ने का काम करते है। देखा जाए तो प्रधानी का चुनाव की बागडोर पूरी तरह बीएलओ के हाथ में होती है, बीएलओ जिसे चाहे हरा दे और जिसे चाहे जीता दें। 1187 ग्राम पंचायतों में कोई भी ऐसा ग्राम पंचायत नहीं होगा, जहां पर बीएलओ ने मनमानी न की हो। कहा भी जाता कि बीएलओ को पटाइए और प्रधानी का मजा लीजिए। चुनाव लड़ने वाले प्रधान पद के अधिकांष प्रत्याशी नाम जोड़वाने को लेकर नहीं बल्कि विरोधी प्रत्याशी के मतदाताओं का नाम कटवाने को लेकर पानी की तरह पैसा बीएलओ पर लुटाते है। पंचायत चुनाव एक तरह से बीएलओ के लिए वरदान साबित होता आ रहा है। जिन लोगों को प्रधान बनना हैं, उन लोगों ने अपना जुगाड़ कर लिया है। चालाक प्रत्याशी वही होता है, जो मतदाता पुनरीक्षण के दौरान फर्जी वोटरों का नाम जोड़वाता है, और विरोधियों का कटवाता है। चूंकि बीएलओ स्थानीय होते हैं, इस लिए उन पर दबाव दोनों तरफ का रहता है। 21 के चुनाव में लगभग 60 फीसद से अधिक प्रधान हारी हुई बाजी बीएलओ के सहयोग से जीते। बीएलओ भी ऐसे मौके पर सौदा करने से नहीं चूकते, एक-एक वोट बढ़ाने और कटवाने के नाम पर कई-कई हजार लेते है। इनकी सेंटिगं सुपरवाइजर और तहसीलों तक रहती है। कहने का मतलब प्रधानी जीतने के लिए एक-एक प्रत्याशी 50 लाख तक खर्च करने को तैयार रहते है। मनरेगा ने खर्च को बढ़ा दिया, कहा भी जाता है, आज अगर मनरेगा समाप्त हो जाए तो प्रधान वही लोग बनना चाहेंगे जो समाज में इज्जत पाना चाहते, भ्रष्टाचारी प्रधान मैदान छोड़कर भागते नजर आएगें। कहने को भले ही प्रशासन और निर्वाचन आयोग यह कह ले कि चुनाव पारदर्शी होगा, लेकिन होता नहीं। हिंसक घटनाएं भी सबसे अधिक पंचायत चुनाव में ही देखने को मिलती। चुनाव से अधिक चुनाव के हिसंक घटनाओं की संभावना हमेशा बनी रहती है। मुकदमों का अंबार लग जाता है। आपसी दुष्मनी के चलते गांव का भाईचारा समाप्त हो जाता है। बदला लेने के विरोधी पांच साल तक शिकायत करता रहता है।

चुनाव की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई, लेकिन जिले में तैयारी पूरी हो चुकी है। 18.68 लाख मतदाता अपने अधिकारों का 26 के चुनाव में प्रयोग करेंगे, जिसमें 989579 पुरुष एवं 879350 महिलाएं शामिल है। इस बार दो लाख 87 हजार 528 नये मतदाता मतदान करेंगे। इनमें सबसे अधिक नये मतदाता सल्टौआ में 22286, रामनगर में 15722, रुधौली में 15174 और कुदरहा में 12304 जोड़े गए। इसी तरह एक लाख 64 हजार 092 मतदाताओं का नाम काटा गया। जिनमें सबसे अधिक मतदाता सल्टौआ में 12603, बनकटी 8760, कुदरहा 7919 और रुधौली में 7840 काटे गए। 18.68 लाख से अधिक मतदाता 1187 प्रधानों, 1078 बीडीसी, 43 जिला पंचायत सदस्य और 13803 ग्राम पंचायत सदस्यों के भाग्य का फैसला करेगें, सबसे अधिक मतदाताओं की संख्या सदर में 177080, गौर में 169457, परसरामपुर में 163899, सल्टौआ में 161552, साउंघाट में 140326, सबसे कम मतदाता कप्तानगंज में 80288 एवं दुबौलिया में 95996 में है। मतदान के लिए 1226 मतदान केंद्र और 2959 मतदान स्थल बनाए जाएगें, सबसे अधिक मतदान सदर में 111, गौर में 110, परसरामपुर में 107 एवं सल्टौआ में 107 केंद्रों पर होगा। 22 दिसंबर 25 को मतदाता सूची का आलेख प्रकाषित होगा और 24 से 30 दिसंबर तक आपत्ति दाखिल की जा सकती।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *