मत खाना फास्ट फूड, नहीं तो हो जाएगी पथरी
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 3 June, 2025 20:34
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मत खाना फास्ट फूड, नहीं तो हो जाएगी पथरी
-जंग फूड खाने से 70 फीसदी नौजवानों में हो रही पथरी, जंग फूड चिपककर क्रिस्टल या पथरी बना देता हैं
-पथरी बनते ही मूत्र में दर्द, पीठ के पिछले हिस्से में दर्द, पेट में दर्द और ऐंठन, मूत्र के साथ रक्त का आना, जी मिचलाना, उल्टी, पेशाब में दुर्गन्ध, बार बार पेशाब, बुखार, पसीना होने लगता
-पथरी के रोगियों को ज्यादा नमक युक्त ऑक्सालेट तथा वसायुक्त खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से बचना चाहिए
बस्ती। बस्ती जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा का कहना है, कि जंग फूड खाने से पथरी बनती है। 70 फीसद नौजवानों में पथरी पाई जा रही हैं, जिसका कारण जंग फूड का इस्तेमाल करना। क्यों कि जंग फूड चिपककर क्रिस्टल या पथरी बना देता है, पथरी बनते ही मूत्र में दर्द, पीठ के पिछले हिस्से में दर्द, पेट में दर्द और ऐंठन, मूत्र के साथ रक्त का आना, जी मिचलाना, उल्टी, पेशाब में दुर्गन्ध, बार बार पेशाब, बुखार, पसीना होने लगता है। कहते हैं, कि पथरी के रोगियों को ज्यादा नमक युक्त ऑक्सालेट तथा वसायुक्त खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
डा. वर्मा ने बताया कि शरीर में कुछ रसायनों के जमा होने के कारण गुर्दे में पथरी बनती है. ये रसायन पेशाब में मौजूद होते हैं। हालांकि, जब इन रसायनों का स्तर ज्यादा हो जाता है और तरल पदार्थ कम होता है, तो ये आपस में चिपककर क्रिस्टल या पथरी बना लेते हैं।
गुर्दे से पथरी निकालने में होम्योपैथी कारगर है। बरबेरिस क्यू, कैन्थरिस क्यू 15 से 20 बूंद दिन में तीन बार लेने से गुर्दे की पथरी निकल जाती है। कलकेरिया कार्ब, सारसा परीला, लाइकोपोडियम पथरी को गलाने में सहायक है। इसे 30 या 200 के पावर मे लक्षण के अनुसार डाक्टर की देखरेख में लेना चाहिये। दर्द होने पर मैगफास और बेलाडोना अच्छा परिणाम देता है।
कहते हैं, कि ऑक्सालेट एक प्राकृतिक पदार्थ है जो पौधों और मनुष्यों में पाया जाता है. यह ऑक्सालिक एसिड का संयुग्मी आधार है। ऑक्सालेट, शरीर में चयापचय का एक प्राकृतिक उत्पाद है। यह लोगों के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं है। ऑक्सालेट की ज्यादा मात्रा से गुर्दे की पथरी हो सकती है। ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने या शरीर द्वारा ज्यादा ऑक्सालेट को अवशोषित करने से इसका स्तर बढ़ सकता है। ऑक्सालेट का स्तर ज्यादा होने पर, मूत्र में कैल्शियम के साथ मिलकर ऑक्सालेट कैल्शियम ऑक्सालेट बनाता है। कैल्शियम ऑक्सालेट गुर्दे की पथरी का सबसे आम प्रकार है। ऑक्सालेट का पता लगाने के लिए मूत्र परीक्षण किया जा सकता है। पालक और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों, रूबर्ब, गेहूं का चोकर, बादाम, मूली, नेवी बीन्स, चॉकलेट आदि में आक्सालेट पाया जाता है। रूबर्ब एक क्षणभंगुर वसंत की सब्जी है जिसके डंठल चमकीले गुलाबी रंग के होते हैं। इसका स्वाद खट्टा होता है, लेकिन जब आप इसे चीनी के साथ पकाते हैं तो यह सुखद रूप से तीखा हो जाता है। बैगन, बीन्स, भिण्डी, शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, पालक, आमला, कीवी, स्ट्रावेरी, चीकू, फालसा, काले अंगूर कम मात्रा में लें। डा. वर्मा कहते हैं पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ न पीने, ज््यादा सोडियम वाला आहार लेने, ज््यादा प्रोसेस्ड और फास्ट फूड खाने, कुछ दवाएं लेने, पशु प्रोटीन से भरपूर आहार लेने, ऐसी मेडिकल कंडीशन होने जिसमे पेशाब में कुछ पदार्थों का स्तर बढ़ जाने तथा ऑक्सालेट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से पथरी हो सकती है। काफी, काजू, चाकलेट, कोल्ड ड्रिंक, राजमा, मशरूम, फूलगोभी, मटर न लें।
डा. वी.के. वर्मा का कहना है गुर्दे की पथरी से बचने के लिए रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं. इससे मूत्र का उत्पादन बढ़ता है और पथरी बनने की संभावना कम होती है। संतुलित आहार लें. इसमें सोडियम, ऑक्सलेट, और प्रोटीन की मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए। पशु प्रोटीन को सीमित करें। चीनी और सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों को सीमित करें। गाजर, मूली, केला, नारियल पानी, एलोवेरा जूस, अनानास जूस, नींबू और संतरे खाएं और नींबू पानी पिएं. इनमें मौजूद साइट्रेट पथरी बनने से रोकता है। स्टैंडर्ड वेट बनाकर रखें तथा नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं।
डा. वी.के. वर्मा किसी नाम या पहचान के मोहताज नहीं है। मरीजों से इनका संबध परिवार के सदस्य जैसा रहता। यह पिछले 35 सालों से चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज कर चुके है। इनका बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं। अगर किसी को इनकी सेवाओं या परामर्श की आवष्यकता है, तो वह मो.न. 9415163328 पर संपर्क कर सकते है।
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