लूट सको तो लूट लो जिसमें है! जितना दम

लूट सको तो लूट लो जिसमें है! जितना दम
गढ़मुक्तेश्वर न्यूज़

 लूट सको तो लूट लो जिसमें है! जितना दम 

योजनाओं के नाम पर प्रदेश में मची है! लूट

राज्य वित्त 14 वा वित्त आयोग  योजना वर्ष 2016 वह 2017 के अंतर्गत ग्राम प्रधान निधि से मंडी स्थल जीणोद्वार चबूतरा छत टीन सैड चार दिवारी वह गेट का निर्माण कराया लगभग यह मंडी स्थल 5 से 6 बीघा जमीन में बना हुआ है श्रीमती शोभा देवी ग्राम प्रधान  ग्राम पंचायत डेरा रामपुर विकासखंड गढ़मुक्तेश्वर जनपद हापुर द्वारा संपन्न कराया गया जिसमें प्रस्तावक विकास तोमर, अशोक कुमार ग्राम पंचायत अधिकारी, और ओपी वर्मा तकनीकी सहायक द्वारा इस मंडी स्थल का निर्माण कराया गया था इस मंडी स्थल को बनाने में लगभग 14 लख रुपए खर्च किए गए है!जब से इस मंडी का निर्माण हुआ है तब से लेकर आज तक लगभग 8 वर्ष हो गए हैं लगता नहीं इस मंडी का 8 वर्षों में इसका उपयोग किया गया हो मंडी स्थल के नाम पर 8 वर्षों मंडी स्थल मे सफाई वह पुताई के नाम पर  का लाखों रुपए का भुगतान निकाल चुके हैं दबी दबी जुबान से लोगों का कहना है! प्रधान व सचिव के भाई वह भतीजो के नाम पर यह भुगतान निकाला गया था
 और ग्राम प्रधान विनीता के पति राजीव विकासखंड गढ़मुक्तेश्वर में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं ग्राम प्रधान व उसके पति पर आरोप है गढ़मुक्तेश्वर ब्लॉक मे सांठ गांठ कर लाखों  रुपए की हेरा फेरी भी करी है
 
किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अब भटकना नहीं होगा। गांव के आसपास ही उन्हें उपज का सही दाम भी मिल सकेगा। प्रदेश सरकार ने गांवों में बने 771 एग्रीकल्चर मार्केटि‍ंग हब (एएमएच) को उपमंडी स्थल घोषित कर दिया है। अब वहां पर बाजार सजेगा, इस पहल से सूबे में मंडियों का विस्तार भी हुआ है। प्रदेश के गांवों में इधर एग्रीकल्चर मार्केटि‍ंग हब तेजी से बनाए गए, ताकि किसानों को सहूलियत व गांव वालों को सुविधा मिले। राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के अनुसार करीब 1600 से अधिक एएमएच तैयार हैं। अभी उनका उपयोग सही से नहीं हो पा रहा, कहीं गांव वाले मवेशी बांध रहे हैं तो कुछ जगहों पर अनाज व चारा-भूसा आदि रखा जा रहा है। कई जिलों में दुकानें आवंटित की गईं लेकिन, वे गुलजार नहीं हो सकी। नए कृषि कानून लागू होने के बाद से मंडियों की संख्या और आय तेजी से घटी है। ऐसे में मंडी परिषद ने नए मंडी स्थल घोषित कराने के लिए कदम बढ़ाए।
मंडी परिषद ने शासन को प्रस्ताव भेजा था कि एएमएच को उप मंडी स्थल का दर्जा दिया जाए। साथ ही उन स्थलों पर किसानों को उपज व गांवों की अन्य जरूरी सामग्री बेचने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए, इससे योजना का मकसद पूरा होगा, साथ ही सरकार की आय भी बढ़ेगी। ज्ञात हो कि उप मंडी स्थलों पर बिक्री करने वालों से मंडी शुल्क मिलेगा। इससे वहां पर तेजी से सुविधाएं भी बढ़ाई जा सकेंगी। मंडी परिषद के उप निदेशक दीपक त्रिगुणायत ने बताया कि शासन ने 771 एएमएच को उपमंडी स्थल घोषित किया है। इन एएमएच परिसर में कुछ दुकानें, एक से दो छायादार चबूतरे निर्मित हैं। इसका लाभ किसान व ग्रामीणों को मिल सकेगा।
अभी 800 एएमएच खोलने का प्रस्ताव लंबित : प्रदेश में सभी 1600 एएमएच को खोलने के लिए कृषि उत्पादन मंडी समिति ने शासन से मंजूरी मांगी थी। उनमें से 771 को मंजूरी मिल गई है, जबकि करीब 800 से अधिक एएमएच का प्रस्ताव शासन में लंबित है। बाकी को अगले चरण में खोलने की तैयारी है।
 मनजीत सिंह की रिपोर्ट
Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *