जेल में बंद धोनी तिवारी के नाम पर कटटा सटा मांगा रंगदारी
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 11 August, 2025 21:04
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जेल में बंद धोनी तिवारी के नाम पर कटटा सटा मांगा रंगदारी
-जमीन के कारोबारी अशफाक अली के कार्यलय आए उन्हें उठाया, लोहिया मार्केट की सीढ़ी पर ले गए, कटटा सटाया कहा कि अंकित पांडेय भईया ने कहा कि जाओ 50 हजार ले आओ न दे दो गोली मार देना
-इससे पहले अंकित ने मोबाइल नंबर 7505562516 से अशफाक के 9838788025 पर संदेश किया कि धोनी तिवारी ने 50 हजार लेने को कहा
-कहा कि जिले में चार अपराधी आए हैं, और न जाने किसकी हत्या करना चाहते हैं, इस लिए चार आदमी जाएगें उन्हें रंगदारी का 50 हजार दे देना
-इसके बाद भी जब नहीं दिया तो अंकित ने कीा कि चलो मेरे नाम पर 50 हजार दो, क्यों कि मैं जेल से छूटकर वापस आ गया हूं
-इसके बाद भी जब नहीं दिया तो अंकित कहने लगा कि पिताजी बीमार है, दो-पांच हजार ही दे दो, जब नहीं तो चार आदमी को धमकाने के लिए भेजा
-जाते-जाते चारों कह गए कि जा रहा हूं बालकराम की हत्या करनी है, कोतवाली को तहरीर दी गई, दूसरे दिन एसपी से मिलकर जालमाल की गुहार लगाई गई
बस्ती। सालों बाद रंगदारी मांगने का मामला सामने आया। रंगदारी भी फोन से नहीं मांगी गई, अलबत्ता दो बाइक से चार लोग आए, तो एक ने कटटा निकाला और जमीन के कारोबारी अशफाक अली पुत्र हाजी मोहम्मद हसन को लोहिया मार्केट स्थित उनके कार्यालय से उठाया और उपर सीढ़ी पर ले गए, और कटटा निकाला ताना और कहा कि अंकित भईया ने भेजा है, 50 हजार रंगदारी दो वरना गोली मार दूंगा। गोली तो नहीं मार पाए लेकिन जाते-जाते कह गए, कि बालक राम की हत्या करने जा रहा हूं। एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। अमूमन ऐसे मौकों पर पैसा न मिलने से बदमाश कांड भी कर जाते हैं, यह तो अषफाक की किस्मत अच्छी थी, कि सिर्फ धमकाकर ही चले गए। इस घटना के बाद से अषफाक की मुसीबतें कम नहीं होगीं, क्यों कि इस तरह के लोगों की अगर इच्छा की पूर्ति नहीं होती और मामला पुलिस में चला जाता है, तो भविष्य में खतरा बढ़ जाता है। वैसे इस घटना ने पुलिस के कान खड़े कर दिए और पुलिस ने अगर कोई कार्रवाई नहीं किया तो किसी बड़ी घटना के होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
घटना के बारे में बताते हुए अशफाक ने कहा कि घटना 10 अगस्त 25 के शाम पांच साढ़े पांच बजे की है। बताया कि दो मोटरसाइकिल पर चार लोग आए। उसमें आदित्य नामक बदमाश ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि चलो तुमसे कुछ बात करनी है। जैसे ही लोहिया मार्केट के जीना पर चढ़े तीन बदमाशो ने कटटा निकाल लिया, कहा कि अंकित भईया ने पैसा देने को कहा था, वही हम लोग लेने आएं है। अगर रंगदारी नहीं दिया तो गोली मार देगें, पुलिस को बताया तब भी गोली मार देगेें। कटटा निकाल लिया और कहा कि अभी तो जा रहा हूं बालकराम की हत्या करने। इसके बाद 112 को बुलाया गया, अगल-बगल के लोगों ने भी पुलिस के सामने घटना की पुष्टि की। बताया कि वह जमीन का कारोबार करते हैं, और यह लोग गुंडा टैक्स वसूलना चाहते है। कहा कि लगभग दो माह पहले अंकित पांडेय ने फोन किया था, कहा था, कि आदमी को भेज रहा हूं 50 हजार दे देना। कहा कि जेल में बंद धोनी तिवारी का आपके लिए संदेश है। उन्होंने आपको कहा कि अंकित से मिल लीजिए। यह भी कहा कि जिले में चार अपराधी आएं हैं, पता नहीं किसकी हत्या करना चाहते है। उन्हें खर्चापानी आप को देना पड़ेगा। जब रंगदारी देने से इंकार कर दिया तो कहने लगा कि चलो अगर धोनी तिवारी के नाम पर नहीं देना चाहते तो मेरे नाम पर दे दो। क्यों कि अब मैं जेल से बाहर आ गया हूं। कहा कि मेरे पिताजी की तबियत खराब हैं, इलाज कराना है, दो-पांच हजार ही दे दो। जब नहीं दिया तो चारों को धमकाने के लिए भेज दिया। सवाल उठ रहा है, कि बकौल कुसौरा निवासी अशफाक मैं न तो अंकित पांडेय को जानता हूं और न आदित्य को तो रंगदारी या फिर गुंडा टैक्स क्यों मांगी गई? अगर इन बदमाशों का रंगदारी मांगना पेशा है, तो अभी तक क्यों नहीं इस तरह की घटनाएं सामने आया? वैसे पुलिस ने अगर इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया या फिर अशफाक के जानमाल की सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया तो हो सकता है, कि कोई घटना हो जाए?
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