डा. देवेंद्र कुमार को मिली अस्पताल से गायब रहने की सजा
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 6 December, 2024 12:11
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डा. देवेंद्र कुमार को मिली अस्पताल से गायब रहने की सजा
-शिकायत के बाद हुई जांच में गायब रहने का हुआ खुलासा, 13 दिन का वेतन बाधित,
-आखिर डा. देवेंद्र कुमार को डुमरी क्यों नहीं पसंद आ रहा है, और क्यों यह अक्सर गायब रहते
बस्ती।...आज भी ना लाने कितने सरकारी डाक्टर है, जो अपनी मर्जी से ड्यूटी करना चाहते है। अगर कोई डाक्टर बार-बार ड्यूटी से गायब रहता है, और जिसके चलते मरीज प्रभावित होते हैं, तो ऐसे डाक्टर को मरीज हित में कार्यमुक्त ही करना सरकार के लिए बेहतर होगा, क्यों कि ऐसे लापरवाह डाक्टर जानबूझकर ड्यूटी में लापरवाही बरतते है। ताकि सरकार की बदनामी हो सके। ऐसा ही कुछ हाल विकासखंड रुधौली में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के के तहत ग्राम पंचायत डुमरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डा. देवेंद्र कुमार का है। पता नहीं क्यों इनको इस अस्पताल में मरीजों की सेवा करना अच्छा ही नहीं लगता। जबकि सरकार ने इनकी तैनाती मरीजों की सेवा करने के लिए ही की है।
लोगों से वार्ता करने पर पता चला कि डॉक्टर देवेन्द्र कुमार क्यों अपने काम के प्रति इतने लापरवाह हैं, क्यों कि इनके सिर पर बड़े अधिकारियों का हाथ है। जिससे वह डुमरी में ड्यूटी नहीं करते। इसके पहले भी इस प्रकरण को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी आनंद मिश्रा से वार्ता की गई थी तो उन्होंने बताया था कि वहां पर डॉक्टर देवेंद्र कुमार की तैनाती है, फिर वहां क्यों नहीं नौकरी कर रहे हैं। यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है? तहसील मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अगल-बगल के रहने वाले लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले मरीज के स्वास्थ्य हित को देखते हुए मिनी अस्पताल का निर्माण किया गया था, लेकिन यह मरीजों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा। मौजूदा ग्राम प्रधान से वार्ता की गई तो पता चला कि वहां पर एक कंपाउंडर के बदौलत अस्पताल चल रहा है, जब कोई उच्च अधिकारी जांच में आतें है तो उस दिन डॉक्टर साहब यहां ड्यूटी करने आते हैं। ग्रामीणों की शिकायत के बाद उच्च अधिकारियों की जांच टीम गई थी जहां पर अनुपस्थित पाए गए थे और इनका 13 दिन का वेतन भुगतान बाधित कर दिया गया था, और कंपाउंडर भी ऐसे हैं जो कमीशन वाला दवा लिखकर बाहर भेजते हैं। जिससे आने वाले मरीजों को और भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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