छठें दामाद की नियुक्ति करने को हाजी ने तीसरी बार गुलाम को बर्खास्त किया
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 28 June, 2025 20:59
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छठें दामाद की नियुक्ति करने को हाजी ने तीसरी बार गुलाम को बर्खास्त किया
-एक साजिश के तहत हाजी मुनीर पहले ही अपने पांच दामाद को अनियमित रुप से शिक्षक के रुप में तैनाती करवा चुके
-अब छठें दामाद की तैनाती के लिए एक साजिश के तहत गुलाम हुसैन को बर्खास्त कर दिया, पहली बार 2017 में दूसरी बार 2018 में तीसरी बार 28 जून 25 को बर्खास्त, इतनी बर्खास्तगी के बाद भी हाजी अपने छठें दामाद की नियुक्ति नहीं कर पाए
-हाजी मुनीर अच्छी तरह जानते हैं, कि वह अपने छठें दामाद की नियुक्ति नहीं कर सकते, क्यों कि कोर्ट ने रोक लगा दी, फिर भी पैसे के बल पर वह छठें दामाद की नियुक्ति कराना चाहते, इस खेल में रजिस्टार कार्यालय लखनउ के अधिकारी पूरा साथ दे रहे
-कप्तानगंज के मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत फैजनवी को यहां के प्रबंधक हाजी मुनीर अली प्राइवेट कंपनी की तरह चलाना चाहते, जब चाहा जिसे निकाल दिया, जब चाहा अपने बेटे के नाम बंजर जमीन का पटटा करवा दिया, और जब चाहा मदरसे में कब्रिस्तान बनवा दिया
-भाजपा के राजेंद्रनाथ तिवारी ने मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव को पत्र ग्राम समाज की जमीन पर बने अवैध मदरसे एवं कब्रिस्तान पर बाबा का बुलडोजर चलाने की मांग की
बस्ती। कप्तानगंज के मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत फैजनवी को यहां के प्रबंधक हाजी मुनीर अली प्राइवेट कंपनी की तरह चलाना चाहते, जब चाहा जिसे निकाल दिया, जब चाहा अपने बेटे के नाम बंजर जमीन का पटटा करवा दिया, और जब चाहा मदरसे में कब्रिस्तान बनवा दिया, और अब अपने छठें दामाद की नियुक्ति के लिए रोड़ा बने गुलाम हुसैन को तीसरी बार बर्खास्त कर दिया। छठें दामाद की नियुक्ति करने का हाजी मुनीर अली का सपना शायद ही पूरा हो सके। क्यों कि हाईकोर्ट नियुक्ति पर रोक लगा रखा है। फिर भी हाजी मुनीर अली पैसे के बल और लखनउ के आकाओं के भरोसे छठें दामाद की नियुक्ति कराने में लगे हुए है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी गुलाम हुसैन का यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया कि इनका अनुभव प्रमाण-पत्र फर्जी है। ऐसा लगता है, कि मानो हाजी अपने आपको खुदा समझने लगें हैं। जिस तरह इन्होंने पैसे के बल पर गुलाम हुसैन को बर्बाद करना चाहा, उसे किसी भी सूरत में किसी भी हाजी को शोभा नहीं देता। बर्बाद और आबाद करना तो उपर वाले के हाथ में हैं, अगर हाजी जैसे लोगों के हाथ में होता तो गुलाम कब का बर्बाद हो गए होतें। इनका यह कहना कि जब तक गुलाम हुसैन को बर्बाद नहीं कर दूंगा, तब तक चैन से नहीं बैठूगां, से पता चलता है, कि हाजी कितना घंमडी किस्म के इंसान है। जो मजा किसी को आबाद करने में वह मजा बर्बाद करने में कहां है। आखिर हाजी मुनीर अली को भी अल्लाताला के दरबार में अपने गुनाहों का हिसाब-किताब देना पड़ेगा। जिस दिन किसी के गुनाहों का घड़ा भरेगा, उस दिन उसका अंत हो जाएगा, इस बात को हाजी मुनीर जैसे लोग जितनी जल्दी समझ लें उनके लिए अच्छा रहेगा। उपर वाला अपने उस बंदे को कभी माफ नहीं करता जो किसी की बर्बादी का कारण बनता है। पहले एक साजिश के तहत हाजी मुनीर ने अपने पांच दामाद को अनियमित रुप से शिक्षक के रुप में तैनाती करवाया, और अब छठें दामाद की तैनाती के लिए एक और साजिश के तहत गुलाम हुसैन को बर्खास्त कर दिया, पहली बार 2017 में दूसरी बार 2018 में तीसरी बार 28 जून 25 को बर्खास्त, इतनी बर्खास्तगी के बाद भी हाजी अपने छठें दामाद की नियुक्ति नहीं कर पाए, और न कर पाएगें, क्यों कि हाईकोर्ट का नियुक्ति पर रोक लगा हुआ है। बड़े से बड़े लोगों को भी किसी की आहें और बददुआएं नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि दिल से निकली बददुआ कभी खाली नहीं जाती। यह बात हाजी के साथ-साथ लखनउ वाले इनके आकाओं को भी समझना चाहिए।
बहरहाल, भाजपा के राजेंद्रनाथ तिवारी ने मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव को पत्र ग्राम समाज की जमीन पर बने अवैध मदरसे एवं कब्रिस्तान पर बाबा का बुलडोजर चलाने की मांग की है। लिखे पत्र में कहा गया हैं, कि पूरे प्रदेश में ग्राम समाज/बंजर की जमीन पर अवैध कब्जे हटाने का कार्य चल रहा है। कहा कि इसी तरह कप्तानगंज के मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत फैजनवी के प्रबंधक हाजी मुनीर अली बनाम सरकार में यह सिद्व हो चुका हैं, मुनीर अली ने समाज की जमीन पर जो तालाब के नाम दर्ज हैं, अवैध कब्जा कर मदरसा बना लिया। जबकि तालाब पर कोई भी निर्माण नहीं हो सकता। जगह-जगह बुलडोजर की कार्रवाई भी हो रही है, पर, कप्तानगंज के इस मदरसे को किन कारण अभयदान मिला हुआ हैं, जनता जानना चाहती है। कहा कि यह बहुत चिंता का विषय हैं। कहा कि बाटा संख्या 394 पर तालाब की जमीन पर मदरसे का अवैध कब्जा, सारे नियम कानून तोड़कर पांचवें दामाद की नियुक्ति षडयंत्र पूर्वक करना, छठें दामाद की नियुक्ति की तैयारी करना, जिसके क्रम में गुलाम हुसैन को तीसरी बार बर्खास्त करना। जब अक्टूबर 2010 में मदरसा ग्रांट पर आया, तब इनके पास कोई जमीन नहीं थी, परंतु सरकार को धोखा देकर रजिस्टार मदरसा लखनउ स ेले लिया। इतना ही नहीं मदरसे के चहार दीवारी के अंदर कब्रिस्तान बना दिया, अवैध रुप से लड़कों के स्कूल में लड़कियों को पढ़ाया जाना और मदरसे के सामने बंजर के नाम 28 एआर की जमीन हैं, उसमें से पांच एअर जमीन को हाजी ने अपने प्रभाव और पैसे का इस्तेमाल करके अपने बेटे अनवार अहमद के नाम पटटा करवा दिया।
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