बस्ती रेडक्रास सोसायटी ने किया अपमान, गाजियाबाद ने किया सम्मान!

बस्ती रेडक्रास सोसायटी ने किया अपमान, गाजियाबाद ने किया सम्मान!

बस्ती रेडक्रास सोसायटी ने किया अपमान, गाजियाबाद ने किया सम्मान!

-रेडक्रास सोसायटी के पूर्व सचिव कुलविंदर सिंह मजहबी कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले सिख समाज के देश के पहले सिख बनने के बाद उन्हें बधाईयां और सम्मान करने का सिलसिला जारी

-इनका सम्मान भारत सरकार के सचिव, सिक्किम सरकार, प्रदेश सरकार, चाइना सरकार, आईटीबीपी और जिले के अनेक लोग कर चुके

-लेकिन बस्ती रेडक्रास सोसायटी ने अभी तक नहीं किया, जबकि इनका सम्मान गाजियाबाद रेडक्रास सोसायटी कर चुकी हैं, जो कि चर्चा का विषय बना हुआ

-सम्मान करने वालों में राजेंद्रनाथ तिवारी, गोपेष्वर तिवारी, अरविंद पाल, हरीश सिंह, अभय सिंह, सतीश सोनकर, जगदीश शुक्ल, डा. वीके वर्मा, जितेंद्र यादव, संदीप गोयल, भगचान सिंह मामा, डा. जीडी सिद्वीकी, प्रदीप पांडेय और खादिम हुसैन सहित अन्य कर चुके

-कुलवेंद्र सिंह कहते हैं, कि हनीमून पर जाने के बजाए जोड़ों को धार्मिक स्थल पर जाना चाहिए, क्यों कि अधिक उम्र होने पर बीमारियां, शारीरिक कमजोरी और धन की कमी हो जाती, कपाल भारती और लोमविलोम सभी को करना चाहिए

बस्ती। रेडक्रास सोसायटी के पूर्व सचिव सरदार कुलवेंद्र सिंह मजहबी अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझते हैं, और यूपी सरकार का धन्यवाद करते हैं, कि पूरे देश से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले 40 श्रद्वालुओं में उन्हें भी शामिल किया गया। देश के यह पहले सिख समाज के सिख हैं, जिन्हें कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का मौका मिला। इनका कहना है, कि हनीमून पर जाने के बजाए जोड़ों को धार्मिक स्थल पर जाना चाहिए, क्यों कि अधिक उम्र होने पर बीमारियां, शारीरिक कमजोरी और धन की कमी हो जाती, जिसके चलते वह धार्मिक स्थल पर नहीं जा पाते। कहते हैं, कपाल भारती और लोमविलोम सभी को करना चाहिए, ताकि सांस की समस्या उत्पन्न न हो। 24 दिन के इस यात्रा के दौरान इन्हें भी सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ा। जब यह 24 हजार फिट की उंचाई पर स्थित कैलाश मानसरोवर पर कदम रखा तो इन्हें एक ऐसी अनुभूति का एहसास हुआ, जिसकी इन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। चीन में 1500 किमी. की यात्रा करने के बाद जब यह मानसरोवर पहुंचे तो इन्हें स्वर्ग जैसा एहसास हुआ। इस कैलाश मानसरोवर का जिक्र महाभारत में भी किया गया। इस काफिले में कुल 40 लोग थे जिसमें 11 महिलाएं रही।

इनकी यात्रा गाजियाबाद स्थित मानसरोवर भवन से शुरु होती, यहां पर तमिलनाडु, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट, आंध्र प्रदेश, यूपी, बंगाल, उड़ीसा और एमपी से आए लोग मिलते। चार दिन इन लोगों को मेडिकल टेस्ट होता। उसके बाद यह सभी लोग दिल्ली से बालडोगरा के लिए हवाई जहाज पर बैठतें है। बालडोगरा से नाथुला बार्डर होते हुए 1500 किमी. की यात्रा कर एम द्वार चाइना पहुंचते है। तीन दिन तक 52 किमी, की यात्रा घोड़ा और पैदल से पूरा किया, कैलाश पर्वत की परिक्रमा कराया गया। दो दिन 80 किमी, की यात्रा बस से कराई गई, और मानसरोवर की परिक्रमा कराया गया। बताते हैं, कि जैसे ही वह 24000 फिट की उंचाई पर स्थित कैलाश पर्वत की परिक्रमा कर रहे थे तो आक्सीजन की कमी होने लगी। टायलेट की समस्या का भी सामना करना पड़ा। खास बात यह रही हैं, कि यह लोग चाइना में 1500 किमी. की यात्रा किया, लेकिन भोजन और नाष्ता नहीं किया, क्यों कि चाइना के हर डिस में जानवरों की हडडी मिली रहती है। सरकार ने इनके साथ में भारत तिब्बत पुलिस के चार जवान चल रहे थे, यही लोग भोजन और नाष्ता बनाते थे। मान सरोवर भवन गाजियाबाद में सभी को मुख्यमंत्री की ओर से एक पिठू बैग दिया गया। जिसमें मंकीकैप, रुद्वाक्ष की माला, शिवचालिसा शामिल है। यह बैग भवन के संचालक कैलाश गर्ग के द्वारा दिया गया। पहले पर्वत पर चाइना सरकार ने सम्मानित किया, वापसी में सिक्किम सरकार ने सार्वजनिक रुप से गंगटोक के डीएम तुसार निखारे एवं चीफ एक्ज्यूक्टिव राजेंद्र क्षेत्री ने सम्मानित किया। प्रदेश मंत्रालय दिल्ली के लक्ष्मीकांत चोपड़ा ने भी सम्मानित किया। उसके बाद गाजियाबाद में रेडक्रास सोसायटी के सभापति सुभाष गुप्त और आईटीबीपी के रिटायर आईजी आंनद पाल सिंह निम्बाडिया ने न सिर्फ सम्मानित किया बल्कि उपहार भी दिया। सुभाष गुप्त ने तिलक लगाकर, माला पहनाकर और पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया। कुलवंत सिंह ने बताया कि केैलाश मानसरोवर यात्रा एक अत्यंत कठिन लेकिन अध्यात्मिक रुप से संतोषजनक रहा। कहा कि उन्होंने भगवान शिव के दिव्य धाम के दर्शन कर आत्मिक शांति प्राप्त की और देश के लिए सुख, शांति, एवं कल्याण की कामना की। सबने सम्मान किया, लेकिन बस्ती रेडक्रास सोसायटी ने सम्मान नहीं किया। इससे पता चलता है, कि रेडक्रास सोसायटी के जिम्मेदार कितना संवेदनशील और दायित्वों के प्रति सजग है। लेकिन बस्ती रेडक्रास सोसायटी ने अभी तक नहीं किया जो कि चर्चा का विषय बना हुआ। सम्मान करने वालों में राजेंद्रनाथ तिवारी, गोपेष्वर तिवारी, अरविंद पाल, हरीश सिंह, अभय सिंह, सतीष सोनकर, जगदीश शुक्ल, डा. वीके वर्मा, जितेंद्र यादव, संदीप गोयल, भगवान सिंह मामा, डा. जीडी सिद्वीकी, प्रदीप पांडेय और खादिम हुसैन सहित अन्य लोगों का नाम शामिल है।

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