बड़े बेआरु होकर एनएचएम से निकले डा. एके गुप्त
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 1 August, 2025 21:06
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बड़े बेआरु होकर एनएचएम से निकले डा. एके गुप्त
बस्ती। एनएचएम को खोखला करने में अहम भूमिका निभाने वाले एनएचएम के आरसीएच डा, एके गुप्त को एनएचएम से बड़े बेआरु होकर निकलना पड़ा। अभी लिपिक संदीप राय का निकलना बाकी है। इन्हें वापस इनके मूल पद पर भेज दिया गया। यानि अपर मुख्य चिकित्साधिकारी प्रतिरक्षण, जिला कुष्ठ अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी का कार्यभार देखेगें। एक तरह से इन्हें मलाईदार पद से हटाकर सूखा वाले पद पर भेज दिया गया। इन्हें 5.81 करोड़ के अनियमित टेंडर को अंतिम रुप देने का खामियाजा भुगतना पड़ा। इससे पहले यह पूर्व के सीएमओ के द्वारा फर्जी तरीके से किए गए भुगतान के मामले में फंस चुके है। अगर यह सरकारी गवाह नहीं बनते तो इन पर भी गाज गिरती। इनके स्थान पर सीएचसी हर्रैया के एमओआईसी डा. बृजेश शुक्ल को एमओआईसी के साथ-साथ आरसीएच के वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्य तथा सीएमएसडी स्टोर के समस्त कार्य देगें। देखना यह है, कि यह कितना ईमानदार साबित होते है, या फिर एके गुप्त के नक्षेकदम पर चलेगें। इनके खिलाफ पूर्व सीएमओ डा. आरएस दूबे इनके खिलाफ डीओ भी लिख चुके हैं, थैली ने इन्हें बचा लिया, वरना यह कब का बुक हो गए होते। लिखा था, कि आदेश करने के बाद भी इन्होंने रेडियोलाजिस्ट के पद पर कार्य नहीं किया। ऐनकेन प्रकरण अ पना तबादला अपर मुख्यचिकित्साधिकारी प्रषासनिक पद पर करा लेते है। यह कभी भी समय से कार्यालय नहीं आते है। तीन बजे से पहले कार्यालय नहीं आते। मनमाने तरीके से गायब हो जाते है। मोबाइल बंद कर देते है। इलके आदतों में कोई सुधार नहीं हो रहा। सरकारी डाक्टर होते हुए भी अबंडेकरनगर में यह गुपत डायग्नोस्टिक सेंटर स्वयं चलाते है। इनका तबादला दूर के मंडल में करने की सिफारिष की गई, जिससे सरकार की छवि धूमिल न हो।
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