असाध्य रोगोें के उपचार में होम्योपैथी कारगरःडा. वी.के.वर्मा

असाध्य रोगोें के उपचार में होम्योपैथी कारगरःडा. वी.के.वर्मा

असाध्य रोगोें के उपचार में होम्योपैथी कारगरःडा. वी.के.वर्मा

-विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में याद किये गये डा. हैनिमैन

बस्ती। होम्योपैथी के जन्मदाता सैमुएल हैनिमैन की जयंती गुरूवार को पटेल एस.एम.एच. हास्पिटल एण्ड आयुष पैरा मेडिकल कालेज गोटवा में विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाया गया।  प्रबंधक डा. वी.के. वर्मा, डाक्टर और छात्रों ने  सैमुएल हैनिमैन के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन् किया। इसके बाद आयोजित कार्यक्रम में डा. वर्मा ने उपस्थित लोगोें को सैमुएल हैनिमैन और होम्यापैथी औषधियों के कारगर प्रयोग की विस्तार से जानकारी दिया। कहा कि होम्योपैथी अब भारत सहित पूरी दुनियां में मरीजों के साथ ही असाध्य रोगों का भी कारगर उपचार कर रही है। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। कहा कि हृदय रोग, पथरी, डेगू, चिकनगुनिया आदि रोगांें में होम्योपैथी कारगर सिद्ध हो रही है।  

डा. वर्मा ने बताया कि सैमुएल हैनिमैन का जन्म 1755 में हुआ था।  वह यूरोप देश के जर्मनी के निवासी थे वे एलोपैथी के चिकित्सक थे साथ में बहुत सारी यूरोपियन भाषाओं के ज्ञाता भी थे । उनके पिताजी एक पेंटर थे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी ।  स्कूली शिक्षा के  बाद एक मेडिकल की तैयारी करने के लिए कॉलेज गए इनकी पारिवारिक स्थिति कमजोर होने के कारण इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा इनके कॉलेज के एक अध्यापक ने इनकी गरीबी को देखकर इनकी पढ़ाई में इनका सहयोग किया और पैसे की तंगी के बाद भी इनकी पढ़ाई लगातार चलती रही जब उन्होंने मेडिकल कंप्लीट किया तो इन्हें प्रेक्टिस करना था प्रेक्टिस करने के लिए ये गांव गांव में प्रैक्टिस करने लगे लेकिन प्रेक्टिस करने के दौरान उन्हें उस समय की चिकित्सा प्रणाली ठीक नहीं लगी क्योंकि उस समय  आधुनिक तरह-तरह से चिकित्सा करने की प्रणालियों की कमी थी जिस वजह से उन्होंने अपनी प्रेक्टिस को बीच में ही छोड़ दिया और होम्योपैथी चिकित्सा का वरदान समूचे विश्व को दिया।

उपस्थित लोगों के प्रश्नों का उत्तर देते हुये डा. वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी लक्षणों पर आधारित चिकित्सा पद्धति है और इसके द्वारा अनेक असाध्य रोगों को दूर किया जा सकता है। सैमुएल हैनिमैन की जयंती पर आयोजित  कार्यक्रम में मुख्य रूप से  डा. आलोक रंजन वर्मा, डा. मनोज मिश्र,  डा. आर.एन. चौधरी, डा. अतुल कुमार श्रीवास्तव, डा. लालजी यादव, डा. आलोक वर्मा, डा. रीतेश चौधरी,  डा. चन्दा सिंह, डा. इरफाना बानो, डा. अनीता वर्मा, डा. जुनेद, डा. सीएम पटेल, डा. राजेश चौधरी, विशाल, सतीश चौधरी,  शिव प्रसाद चौधरी, शिवशंकर, मनीष वर्मा, धु्रवचन्द्र, मनोज गुप्ता, सविता श्रीवास्तव, जग प्रसाद, उदयभान, सूरज, राजेश सिंह, शिवशंकर, उत्कर्ष दूबे, डा.  रामस्वरूप, डा. सतीश, दीन बन्धु, गोल्डी, मनीषा, अतुल, सतीश, पूजा वर्मा, माया वर्मा, अभिषेक शुक्ल, दीपू चौधरी, अनुपम, अशोक, मनीष, विकास, राजन, शिवकुमार, जगदम्बा, शालू,  फूलपती के साथ ही छात्र शामिल रहे।

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