मरीजों के खलनायक बने डा. अजित नायक

मरीजों के खलनायक बने डा. अजित नायक

मरीजों के खलनायक बने डा. अजित नायक

-न डिग्री न पंजीकरण, फिर भी दिखाई फीस 500, मरीजों को अधोमानक दवाएं उर जाती

-भाकियू भानु गुट के जिला उपाध्यक्ष उमेश गोस्वामी ने तहसील दिवस में की शिकायत

-क्लीनिक के संचालक डा. अजित नायक के क्लीनिक को सील करने और मुकदमा दर्ज करने की मांग की

बस्ती। भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर खासतौर पर अवैध क्लीनिक और अल्टासाउंड के खिलाफ हमला बोलने वाले भाकियू भानु गुट के जिला उपाध्यक्ष उमेश गोस्वामी ने इस बार गन्ना समिति सदर के सामने त्रिपाठी हास्पिटल के भवन में बिना पंजीयन के क्लीनिक के संचालक डा. अजित नायक के क्लीनिक को सील करने और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग तहसील दिवस में की है। कहा कि सीएमओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है, कि डा. अजित नायक का क्लीनिक अवैध है। खासबात यह है, कि इस अवैध क्लीनिक के भीतर मेडिकल स्टोर भी है, जिसमें मरीजों को अधोमानक दवाएं दी जा रही है। फीस भी यह मरीजों से 500 रुपया लेते है। कहा  िकइस क्लीनिक के स्टाफ को मरीजों के साथ बात करने की तमीज नहीं हैं, मरीजों के साथ नौकरों जैसा व्यवहार किया जाता। खास बात यह है, कि यह अपैध क्लीनिक सीएमओ कार्यालय से मात्र दो मी. की दूरी पर है। जांच कराने और कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

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