गला दबाया फिर भी ‘बशीर’ ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और हिंदुस्तान मुर्दाबाद का नारा नहीं लगाया!

गला दबाया फिर भी ‘बशीर’ ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और हिंदुस्तान मुर्दाबाद का नारा नहीं लगाया!

गला दबाया फिर भी ‘बशीर’ ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और हिंदुस्तान मुर्दाबाद का नारा नहीं लगाया!


-मो. बशीर ने कहा कि भले चाहें आप लोग मेरी जान ले लें, लेकिन मैं न तो हिंदुस्तान मुर्दाबाद और न पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा नहीं लगाउंगा

-कांवर उठाने और 15 अगस्त के दिन मदरसे में झंडा फहराने वाले मो. बशीर को अगर सुरक्षा नहीं मुर्हैया कराया तो गांव का मुस्लिम वर्ग इसकी कभी भी हत्या कर सकते

-थाना रुधौली के ग्राम परसा सूरत में मुस्लिमों की आबादी 70 फीसद से अधिक हैं, और इनमें कोई भी ऐसा मुस्लिम परिवार नहीं जो मो. बशीर की जान के पीछे न पड़ा हो, पत्नी और चाचा के लड़के को छोड़कर अन्य सभी इसके दुष्मन बने हुए

-मो. बशीर 21 अगस्त 25 को एसपी से मिला और उनसे कहा कि साहब बचा लीजिए नही ंतो उसके ही वर्ग वाले उसे जिंदा नहीं छोड़ेगे, क्यों कि यह लोग 15 अगस्त को जान लेने का प्रयास कर चुके

-कहा कि जो लोग मेरे पीछे पड़े हैं, उन लोगों ने 15 अगस्त के दिन मदरसे में झंडा नहीं फहराने दिया और झंडा जबरन फाड़कर फेंक दिया, पुलिस को सूचना दी गई लेकिन झंडा फाड़ने वाला मुकदमा दर्ज नहीं किया, बल्कि उसके बाद मारने वाला केस दर्ज कर दिया

-इस मदरसे में तिरगें झंडे का अपमान मदरसा वाले कर रहे हैं, झंडा का उल्टा लटका रखा ऐसा लगता है, कि मानो इस मदरसे में देश विरोधी गतिविधियों का संचालन हो रहा हो, खुफिया एजेंसी को इस मदरसे पर नजर रखनी होगी, यहां पर पढ़ाई कम और राजनीति अधिक होती

-बशीर ने जमशीद पुत्र चिक्कू, अदनान पुत्र निसार, सालिम पुत्र अज्ञात, नौसाद पुत्र तौफीक, एजाज पुत्र नवी सरकार, बदरे आलम पुत्र मुस्तकीम, जलालू पुत्र अयूब, आसिफ पुत्र अज्ञात, लडडन पुत्र झीनक, बड़कू पुत्र हमीजुल्लाह, अताउल्लाह पुत्र नूर मोहम्मद, सफीकुल पुत्र नूर मोहम्मद, मोबीन पुत्र जियाउल्लाह, बिल्लर पुत्र रहीश, सददाम पुत्र असफाक इदू के लड़की का लड़का सालिम के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में केस दर्ज करने की मांग की

बस्ती। पुलिस प्रशासन खासतौर पर थाना रुधौली की पुलिस अगर समय रहते झंडा फाड़ने वालों और झंडा फहराने वाले मो. बशीर को मारने पीटने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किया तो बहुत बड़ी घटना घट सकती है, मो. बशीर की हत्या तक हो सकती है, क्यों कि गांव की कुल आबादी का 70 फीसद आबादी मुस्लिम की है, और सभी लोग बशीर को रास्ते से हटाना चाहते हैं, एक बार प्रयास कर भी चुके हैं, अधमरा छोड़ दिया, लेकिन अब जिस तरह गांव का माहौल बशीर और उसके परिवार के खिलाफ बन रहा है, वह किसी बड़े वारदात की ओर इशारा कर रहा। अब यह जिले के प्रशासन पर निर्भर हैं, कि वह इस मामले को कितना गंभीरता से लेती है। जाहिर सी बात है, कि जिस गांव का पूरा मुस्लिम वर्ग बशीर से इस लिए नाराज हैं, क्यों कि इसने अपने हिंदू दोस्तों के साथ कांवर लेने अयोध्या चला गया और भदेष्वनाथ मंदिर में जल चढ़ा दिया। रही सही कसर 15 अगस्त 25 ने पूरी कर दी, जब हर बार की तरह बशीर मदरसे पर झंडा रोहण करने गया।

एसपी को लिखे पत्र में कहा गया है, कि परसा सूरत में स्थित मुस्लिम मदरसे में झंडा रोहण का कार्यक्रम होना था, जिसकी सभी तैयारी सुबह 6.30 से ही मेरे द्वारा गांव के मदरसे में कराई जा रही थी, झंडा बांधकर खड़ा किया जा रहा था, तभी लगभग सात बजे जमशीद पुत्र चिक्कू, अदनान पुत्र निसार, सालिम पुत्र अज्ञात, नौसाद पुत्र तौफीक, एजाज पुत्र नवी सरकार, बदरे आलम पुत्र मुस्तकीम, जलालू पुत्र अयूब, आसिफ पुत्र अज्ञात, लडडन पुत्र झीनक, बड़कू पुत्र हमीजुल्लाह, अताउल्लाह पुत्र नूर मोहम्मद, सफीकुल पुत्र नूर मोहम्मद, मोबीन पुत्र जियाउल्लाह, बिल्लर पुत्र रहीश, सददाम पुत्र असफाक इदू के लड़की का लड़का सालिम सहित अन्य गोल बनाकर सरिया, डंडा आदि लेकर दिवाल अंदर घुस आए और मुझसे कहा कि हम लोग मुसलमान हैं, न तो झंडा फहरवाएगें और न तो स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम होने देगें। सभी लोगों ने झंडा जबरन फाड़ दिए राष्टगान की बूफर बंद कर दिया और मदरसे के कमरे में ताला लगा दिया। कुछ बच्चे पहंुचे थे, उन्हें भी डरा धमका कर भगा दिया। उसके बाद सभी लोगों ने गंदी-गंदी गाली देते हुए कहा कि तुम मुसलमान के नाम पर एक कंलक हो। कहा कि जब से सावन महीने में शिव कावंड़ियों में शामिल होने गए थे, और तुम्हारी फोटो सोशल मीडिया पर हम लोगों ने देखा तभी से हम लोगों का खून खौल रहा है। कहा कि तत्काल 7.02 बजे सुबह 112 नंबर और थाना रुधौली पर भी सूचना दिया। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया। कहा कि सभी लोग मदरसे में मेरे गले में लाल गमछे से मेरा गला कसते हुए हिंदुस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा बोलने के लिए दबाव बना रहे थे और खुद भी यही नारा लगा रहे थे, कहा कि यह बात भी हमने पुलिस को बताया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया। जबकि विपक्षीगण का यह कृत्य राष्ट द्रोह की श्रेणी में आता। कहा कि पुलिस ने सात बजे की घटना वाला एफआईआर नहीं दर्ज किया। कहा कि विपक्षीगण के चलते मदरसे पर 15 अगस्त 25 को कोई भी कार्यक्रम नहीं हो पाया था, जो कि अत्यंत ही गंभीर मामला है। इस लिए विपक्षीगण के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दंडित करने की कृपा करें। मो. बशीर मुंबई में बिजली का काम करता है।

इस मदरसे में तिरगें झंडे का अपमान मदरसा वाले कर रहे हैं, झंडा का उल्टा लटका रखा है। ऐसा लगता है, कि मानो इस मदरसे में देश विरोधी गतिविधियों का संचालन हो रहा हो, खुफिया एजेंसी को इस मदरसे पर नजर रखनी होगी। यहां पर पढ़ाई कम और राजनीति अधिक होती है।

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