प्रधानजी झूम के लगाओ फर्जी हाजीरी, सीडीओ को हम देख लेगें!

प्रधानजी झूम के लगाओ फर्जी हाजीरी, सीडीओ को हम देख लेगें!

प्रधानजी झूम के लगाओ फर्जी हाजीरी, सीडीओ को हम देख लेगें!

-बीडीओ रुधौली को नहीं हैं, सीडीओ का कोई खौफ, फर्जी हाजरी रोकने के बजाए और बढ़ावा दे रहें

-बीडीओ साहब यह भी कहते हैं, कि अगर कोई छोटा अखबार भ्रष्टाचार को लेकर खबर लिखता तो मत घबड़ाना, बस बड़े अखबार का ख्याल रखना

-एक तरफ पूरा जिला सीडीओ की खौफ के कारण फर्जी हाजीरी नहीं लगा रहे, लेकिन बीडीओ साहब ने फर्जी हाजरी लगाने की खुली छूट दे रखी

बस्ती। सीडीओ के खौफ से लगभग हर ब्लॉक के ग्राम पंचायतों में मनरेगा में फर्जी हाजीरी का खेल लगभग थम सा गया है। लेकिन रुधौली के बीडीओ जिले के पहले ऐसे बीडीओ हैं, जिन्हें सीडीओ का कोई डर नही, अगर डर और खौफ होता तो प्रधानों से यह न कहते कि प्रधानजी चाहें जितना फर्जी हाजरी लगाओ हम सीडीओ को देख लेगें, डरने की कोई बात नहीं, हम आप लोगों के साथ है। बस मेरा ख्याल रखना मत भूलिए। प्रधानों को तो बीडीओ की ओर से हरी झंडी मिलने की देरी थी, जो उन्हें मिल गया, हरी झंडी मिलते ही प्रधानों ने झूम के फर्जी हाजीरी लगाना जारी कर दिया। वैसे भी इस ब्लॉक के असली/नकली प्रधान फर्जी हाजीरी लगाने में माहिर माने जाते है, और जब तक फर्जी हाजरी नहीं लगेगी, तब तक बीडीओ साहब का पेट नहीं भरेगा। बीडीओ साहब प्रधानों से यह भी कहते हैं, कि अगर छोटा अखबार लिखता है, तो उसे लिखने दो बड़े अखबार में फर्जीवाड़े की खबर नहीं आनी चाहिए।

जनपद में विकासखंड रुधौली लगातार मनरेगा में फर्जी हाजिरी लगाने पर में महारत हासिल करता रहा है। अक्सर विवादों में रहने वाला विकासखंड रुधौली कभी टेंडर को लेकर, तो कभी भाड़ा को लेकर चर्चा का केंद्र बना रहता है। ताजा मामला रुधौली से आ रही है कि खंड विकास अधिकारी ने एक मीटिंग के दौरान ग्राम प्रधानों को कहा कि ग्राम पंचायत में आप लोग ज्यादा से ज्यादा मजदूरो की फर्जी हाजिरी लगाकर कमाए और कार्य स्थल पर 100 मजदूरों की हाजिरी के सापेक्ष कम से कम तीस मजदूर लगाए।यदि कोई मीडियाकर्मी कार्य स्थल पर जाए तो निर्भीक होकर उनको जवाब दें।किसी के खबर चलाने से आपके कार्ययोजना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अभी एक मीडिया कर्मी ने ग्राम पंचायत पैंडा में फर्जी हाजिरी की खबर को प्रकाशित किया था जिसकी शिकायत भी खंड विकास अधिकारी रूधौली से किया भी था और आश्वासन भी मिला कि मस्टररोल शून्य कर दिया गया लेकिन कुछ दिन बाद भारी कमीशन के चलते पेमेंट कर दिया और मीडिया को झूठा साबित कर दिया।

अक्सर मीडिया टीम द्वारा ग्राउंड जीरो पर कवरेज किया जाता है तो वाकई में खंड विकास अधिकारी रूधौली की बात 100 प्रतिशत से भी ज्यादा झूठ पाई गई। ग्राम पंचायत आमबारी में 106 मजदूरों की हाजिरी तीन कार्ययोजना के तहत मात्र एक ही जगह को दिखाकर कार्य कराया गया मजदूरों की मात्रा भी मात्र 5 मिली जब ग्रामीणों से पूछा गया तो लोगों ने बताया कि बाहर के मजदूर बुलाकर कर फर्जी भुगतान करने की आदत से ही गई यहां पर सर्वेश गुप्त नामक युवक ही ग्राम प्रधान बनकर प्रधानी चलाता है जो खुद शाम को महफिल में डूबा रहता है। वह ग्राम पंचायत का विकास कैसे करेगा? कई बार मीडिया के द्वारा खबर चलाने के बाद भी ऐसे लोगों के खिलाफ इस लिए कार्रवाई नहीं हुई, क्यों कि इसके साथ बीडीओ और सचिव खड़े रहते है। कहता है, कि अगर आप खबर सही चलायेंगे तो उसके साथ पैसे वाले पत्रकार भी हैं जो आपकी खबर को गलत दिखाने में लग जाएंगे।

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