पुलिस की लापरवाही का नतीजा है अमेठी हत्याकांड एफआईआर में हत्या की आशंका के बाद भी नहीं सक्रिय हुई रायबरेली पुलिस

पुलिस की लापरवाही का नतीजा है अमेठी हत्याकांड एफआईआर में हत्या की आशंका के बाद भी नहीं सक्रिय हुई रायबरेली पुलिस

पुलिस की लापरवाही का नतीजा है अमेठी हत्याकांड एफआईआर में हत्या की आशंका के बाद भी नहीं सक्रिय हुई रायबरेली पुलिस

रायबरेली

बबलू सिंह अंगारा

 रायबरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नवरात्र में शुरू हुए महिला सशक्तिकरण अभियान के पहले ही दिन अमेठी में एक मां, दो मासूम बेटियों और उसके पति को मौत के घाट उतार दिया गया। सीएम के निर्देश का पुलिस कितना पालन कर रही इसका उदाहरण भी घटना पेश कर रही है। शिक्षक की पत्नी ने करीब एक माह पहले ही आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर अपने और परिजनों के हत्या की आशंका जताई थी लेकिन रायबरेली पुलिस ने मामले को नजरअंदाज कर दिया। नतीजन आरोपी ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया।

चंदन के मंसूबे को भांपकर ही थाने पहुंची थी शिक्षक की पत्नी • आरोपी की गिरफ्तारी की चर्चा

वायरल स्टेटस पर भी उठ रहे सवाल घटना के बाद रात्रि साढ़े 12 बजे एक स्टेटस पर लिखी कुछ लाइनें सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसे आरोपी चंदन वर्मा के मोबाइल व स्टेटस से वायरल किया गया बताया जा रहा है जिसमें लिखा गया है कि पांच लोग मरने जा रहे हैं। सवाल यह है कि घटना गुरुवार शाम 7:30 और 8 के बीच हुई तो चंदन ने वारदात के बाद स्टेटस क्यों वायरल किया? क्या चंदन का मोबाइल किसी और के हाथ में है? पांच लोगों की मौत का जिक्र उसने क्यों किया?

मृतका पूनम भारती ने बीते 18 अगस्त को रायबरेली शहर कोतवाली

दर्ज मुकदमे में पूरी कार्रवाई की गई है पुलिस बयान व मजिस्ट्रेट बयान कराया गया था। रिमांड न मिलने के चलते 151 व 107/16 की कार्रवाई भी की गई थी। अमित सिंह सीओ सदर, रायबरेली

में चंदन वर्मा के विरुद्ध छेड़छाड़ व एससी-एसटी सहित विभिन्न धाराओं

में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की बल्कि खानापूर्ति करते हुए चंदन वर्मा को बुलाकर उसका चालान शांतिभंग में कर दिया जबकि दर्ज कराए गए मुकदमे में दो बार उल्लेख किया गया था कि चंदन वर्मा ने शिक्षक सुनील कुमार के पूरे परिवार की हत्या करने की धमकी दी है। मुकदमे में यह भी लिखा गया था कि वादनी के परिवार में कोई अप्रिय घटना होती है तो चंदन ही जिम्मेदार होगा लेकिन कोतवाली पुलिस घटना की तह तक नहीं पहुंची कि चंदन वर्मा बार-बार जान से मारने की धमकी क्यों दे रहा है? बादनी का परिवार भयभीत क्यों है? वह बार बार छेड़छाड़ क्यों कर रहा है? शेष पेज 2 पर

पुलिस की लापरवाही का नतीजा...

वादनी और चंदन के परिवार से क्या रिश्ता है? चंदन वर्मा शहर के तिलिया कोट का निवासी है जबकि वादनी गदागंज थाना क्षेत्र की है। पति अमेठी में शिक्षक है तो परिवार के बीच चंदन वर्मा कैसे आया? आरोपों को पुलिस ने साधारण मामला समझ लिया जबकि यदि पुलिस जांच की तह तक जाती तो संभवतः सबकुछ खुलकर सामने आ सकता था और चार हत्याएं न होतीं। सूत्रों की माने तो मुकदमा लिखने से बौखलाए चंदन ने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद अमेठी में भी चंदन वर्मा को नामजद किया गया है। चर्चा तो यह है कि चंदन वर्मा पुलिस की गिरफ्त में आ गया है हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। हत्याकांड ने जहां पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है।वहीं रायबरेली शहर कोतवाली पुलिस की कार्यशैली की कलई भी खोल दी है। हालांकि पुलिस अब खुद को बचाने के लिए सात साल से कम धाराओं का आधार मानकर चंदन की गिरफ्तारी न किए जाने का हवाला दे रही है। फिलहाल यूपी सरकार ने घटना का पर्दाफाश करने के लिए आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार सहित एटीएस के डिप्टी डीके शाही को जिम्मेदारी सौंपी है। गौरतलब है कि गुरुवार को अमेठी में शिक्षक सुनील कुमार, पत्नी पूनम भारती और उनकी दो बेटियों सृष्टि व समीक्षा की हत्या कर दी गई थी।

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