अवैध पैथोलाजी लैब की भरमार, जिम्मेदार मौन झोलाछापों की मिलीभगत से गलत रिपोर्ट बनाकर मरीजों को पहुंचाते हैं नुकसान!

अवैध पैथोलाजी लैब की भरमार, जिम्मेदार मौन झोलाछापों की मिलीभगत से गलत रिपोर्ट बनाकर मरीजों को पहुंचाते हैं नुकसान!

अवैध पैथोलाजी लैब की भरमार, जिम्मेदार मौन झोलाछापों की मिलीभगत से गलत रिपोर्ट बनाकर मरीजों को पहुंचाते हैं नुकसान!

गढ़मुक्तेश्वर/ हापुड़

 गढ़मुक्तेश्वर। नगर समेत गढ़, बहादुरगढ़, सिंभावली, नानपुर और ब्रजघाट क्षेत्र में लोगों ने अवैध रूप से पैथोलाजी लैब का संचालन किया हुआ है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की इस तरह के अवैध पैथोलाजी लैब पर नजर नहीं पड़ रही है, जिसका खामियाजा सीधे साधे मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों ने इस तरह के अवैध लैब पर कार्रवाई की मांग की है। गढ़ तहसील क्षेत्र में हर कदम पर पैथोलाजी लैब का संचालन होता हुआ मिल जाएगा। जो बिना मानकों को पूरा किए अपने लैब का संचालन कर रहे हैं। बता दें कि झोलाछापों की क्लीनिक पर मरीज जब उपचार के लिए जाते हैं, तो

वह जांच के लिए लिख देते हैं। लैब संचालक रक्त की जांच के लिए आता है और चिकित्सक के अनुसार मरीज को लगातार दुकान से जोड़े रखने के लिए कई बार गलत रिपोर्ट तैयार देता है। जिससे गलत रिपोर्ट देखर मरीज को परेशानी होती है और वह सेहत को लेकर अधिक सोच विचार करने के चक्कर में मानसिक तवान झेलने को मजबूर हो जाता है। इतना ही नहीं डेढ़ साल पहले एक सिंभावली के युवक को गलत रिपोर्ट बनाते हुए मरीज ने पकड़ लिया था, जो एक नामचीन कंपनी के पेज पर रिपोर्ट तैयार करता था। गढ़ में भी कई अवैध पैथोलाजी लैब पर यही धंधा देखने को मिल रहा है, जिससे मरीज की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा

है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को पूरी जानकारी है, लेकिन वह जानकर भी अंदाज करने में लगे हैं। करीब एक साल पहले एक अधिवक्ता ने गढ़ में खून की जांच अनजान बने हुए हैं। इन सेंटरों में मरीजों की खून, मलेरिया, पेशाब की जांच तो सेंटरों का सामान्य कर्मचारी ही कर देता है। जबकि पैथलोजिस्ट के नाम पर तो केवल सेंटर ही चल रहा है। संचालक की आड़ में अन्य कर्मी मरीजों की जांच कर रहे हैं। जबकि बिना पेथोलोजिस्ट के जांच केंद्र नहीं चलाया जा सकता। रक्त जांच में होता है घपला सामान्य बुखार में झोलाछाप फर्जी रिपोर्ट तैयार कराकर प्लेटलेट्स कम दिखा देता है, जिससे मरीज क्लीनिक में भर्ती रहे और अच्छा बिल बन सके, इस तरह के फजीर्वाड़े को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नजर कराई थी, जिसमें विभिन्न गंभीर बीमारी बता दी गई और वह उसी के आधार पर दवाई का सेवन करने लगे। लेकिन अधिवक्ता को संदेह हुआ व मेरठ जाकर जांच कराई तो सब कुछ सामान्य आया, जिसके बाद पीड़ित ने लैब संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी।

क्या बोले अधिकारी पैथोलाजी लैब की जांच कराई जाएगी, मानकों का उल्लंघन और गलत रिपोर्ट तैयार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डा. सुनील कुमार, सीएमओ

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *